अब छापेमारी नहीं, सीधे कार्रवाई करेगा इनकम टैक्स विभाग

Friday, Jun 28, 2019 - 11:16 AM (IST)

नई दिल्लीः देश में अब छापेमारी के बजाय आयकर (इनकम टैक्स) विभाग लक्ष्य निर्धारित करके कार्रवाई करेगा। टैक्स चोरों के खिलाफ  अपनी कार्रवाई को लेकर आयकर विभाग ने पिछले दिनों कई बड़े बदलाव किए। ऐसे में अब की जा रही कार्रवाई नई तकनीक पर आधारित है।

विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आयकर विभाग के पास लेन-देन से जुड़ी जानकारियां मौजूद रहती हैं। ऐसे में कार्रवाई ज्यादातर डाटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल से हो रही है। लोगों के जरिए बताई गई जानकारी और असल में सिस्टम में मौजूद जानकारी में फेरबदल दिखते ही नया सिस्टम अधिकारियों को अलर्ट कर देता है। परंपरागत तरीके से काम करने के दौरान अक्सर छापेमारी के बाद अधिकारियों को खाली हाथ भी लौटना पड़ता है क्योंकि मुखबिर के आधार पर मिली जानकारियां हमेशा सही साबित नहीं होतीं। यही वजह है कि सरकार परंपरागत तौर-तरीकों के बजाय अपने अधिकारियों और विभाग को पूरी तरह से स्मार्ट बनाने की तैयारी में है। अब विभाग तकनीक के इस्तेमाल से सबूत इकट्ठा करने के बाद सीधे टैक्स चोरों को गिरफ्तार करने की तरफ आगे बढ़ रहा है। सरकार चाहती है कि काले धन पर लगाम लगाने के लिए व्यक्तिगत दखलंदाजी कम से कम हो। इसके लिए आयकर और जी.एस.टी. नैटवर्क को आपस में जोड़ दिया गया है। डाटा एनालिटिक्स से लोगों के खर्चों और बैंक लेन-देन पर नजर रखी जा रही है।

विभाग के पास कर चोरों की पूरी जानकारी 
अधिकारी ने कहा कि सिस्टम में वे जानकारियां मौजूद रहती हैं जो व्यक्ति के जालसाजी करने का प्रमाण देती हैं। इन्हीं के आधार पर आयकर अधिकारी पहले से ही लक्ष्य निर्धारित करके कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं। पहले कार्रवाई जानकारी पर होती थी और छापेमारी कर जरूरी दस्तावेज बरामद करने होते थे। इस नई तकनीक का इस्तेमाल सबसे ज्यादा जी.एस.टी. इंटैलीजैंस विंग के अधिकारी करते हैं।

डाटा एनालिटिक्स पर भरोसा
नोटबंदी और जी.एस.टी. लागू के बाद सरकार को लगता है कि टैक्स चोरों को पकडऩे के लिए छापेमारी ही अंतिम और सफल विकल्प नहीं है। इसके लिए कार्यप्रणाली में तमाम बदलाव किए गए हैं। बदलावों के बाद आयकर और जी.एस.टी. विभाग के अधिकारी डाटा एनालिटिक्स और इंटैलीजैंस पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।

jyoti choudhary

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