डिजिटल भुगतान 2026 तक 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान

Friday, Jun 03, 2022 - 05:04 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में डिजिटल भुगतान में आ रही तेजी के बल पर भारत का डिजिटल लेनदेन वर्ष 2026 तक वर्तमान तीन लाख करोड़ डॉलर की तुलना में तीन गुना बढ़कर 10 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। डिजिटल भुगतान कंपनी फोनपे ने बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के सहयोग से भारत में डिजिटल भुगतान: 10 ट्रिलियन अवसर शीर्षक से आज एक रिपोटर् जारी की जिसमें यह दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस अभूतपूर्व वृद्धि के परिणामस्वरूप, डिजिटल भुगतान (गैर-नकद) 2026 तक 3 में से 2 भुगतान होंगे। इसमें कहा गया है कि भारत के डिजिटल भुगतान परिद्दश्य में पिछले पांच वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। 

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम को सकारात्मक रूप से बाधित किया गया है, जिसमें कई नयी कंपनियों के आने से डिजिटल भुगतान को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए विविध पेशकशें शामिल हैं। अग्रणी वैश्विक और भारतीय फिनटेक कंपनियां अंतिम उपयोगकर्ताओं के बीच भारत में यूपीआई अपनाने के प्रमुख वाहक रहे हैं, जो एक बड़े क्यूआर-कोड आधारित व्यापारी स्वीकृति नेटवकर् के निर्माण से सहायता प्राप्त है और उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस, नए ऑफर और एक खुले एपीआई इकोसिस्टम द्वारा समर्थित है। 

रिपोर्ट में भारत में डिजिटल भुगतान के और विकास के लिए सरलीकृत ग्राहक ऑनबोडिर्ंग, उपभोक्ता जागरूकता के लिए निरंतर प्रोत्साहन, व्यापारी स्वीकृति का विस्तार, व्यापारियों को ऋण तक अधिक पहुंच, बुनियादी ढांचे का उन्नयन और एक वित्तीय सेवाओं की स्थापना अंडरपेनेटेड क्षेत्रों में माकेर्टप्लेस ड्राइविंग ग्रोथ। यूपीआई ने पिछले 3 वर्षों में लगभग 9 गुना लेनदेन की मात्रा में वृद्धि देखी, वित्त वर्ष 19 में 5 अरब लेनदेन से बढ़कर वित्त वर्ष 22 में लगभग 46 अरब लेनदेन हो गया। वित्त वर्ष 22 में 60 प्रतिशत से अधिक गैर-नकद लेनदेन की मात्रा के लिए लेखांकन। यह दर्शाता है कि डिजिटल भुगतान ने वास्तव में देश भर में सर्वव्यापी स्वीकृति प्राप्त कर ली है। जबकि टियर 1-2 शहरों में डिजिटल भुगतान की उच्च स्वीकृति देखी गई है। 

jyoti choudhary

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