DHFL की जांच में 1 लाख लोगों की फंस सकती है FD

Saturday, Nov 02, 2019 - 10:26 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकार वित्तीय अनियमितताओं के लिए संकट में फंसी दीवान हाऊसिंग फाइनांस कॉर्पोरेशन (डी.एच.एफ.एल.) के खिलाफ  गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एस.एफ.आई.ओ.) की जांच का आदेश दिया है। सूत्रों का कहना है कि इस आदेश के बाद डी.एच.एफ.एल. में 1 लाख लोगों की सावधि जमा (एफ.डी.) फंस सकती है। कम्पनी पंजीयक, मुम्बई कार्यालय ने डी.एच.एफ.एल. के बारे में रिपोर्ट कुछ दिन पहले कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को सौंपी है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि डी.एच.एफ.एल. में अनियमितता का मामला एस.एफ.आई.ओ. को सौंपने के काफी कारण हैं। रिपोर्ट में धन के गबन और उसे इधर-उधर करने का संकेत दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ दिनों में यह मामला जांच के लिए एस.एफ.आई.ओ. को भेज दिया जाएगा।

बकाएदारों में बैंक भी शामिल
डी.एच.एफ.एल. ने निपटान योजना पेश की थी। उसके अनुसार कम्पनी पर नॉन-कन्वर्टिंबल डिबैंचर (एन.सी.डी.) का 41,431 करोड़ रुपए बकाया है। वहीं बैंकों का 27,527 करोड़ रुपए, 6,188 करोड़ की एफ.डी., 2,747 करोड़ रुपए की एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग (ई.सी.बी.), नैशनल हाऊसिंग बैंक (एन.एच.बी.) के 2,350 करोड़, सब-कर्ज और पर्पेचुअल कर्ज क्रमश: 2,267 करोड़ और 1,263 करोड़ रुपए तथा कमर्शियल पेपर 100 करोड़ रुपए के हैं। इस तरह कम्पनी पर कुल 83,873 करोड़ रुपए बकाया है।

प्रोमोटर्स ने लगभग 20,000 करोड़ का बैंक लोन अपनी यूनिट्स में किया ट्रांसफर
के.पी.एम.जी. ने पिछले हफ्ते ही अपनी फॉरैंसिक ऑडिट रिपोर्ट सौंपी है। इसमें बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक डी.एच.एफ.एल. ने 25 ऐसी कम्पनियों को 14,000 करोड़ रुपए का कर्ज बांटा है जिनका मुनाफा महज लाख रुपए था। के.पी.एम.जी. के फॉरैंसिक ऑडिट रिपोर्ट के मसौदे के अनुसार डी.एच.एफ.एल. के प्रोमोटर्स ने लगभग 20,000 करोड़ रुपए का बैंक लोन अपनी यूनिट्स में ट्रांसफर किया है। सरकार ने डी.एच.एफ.एल. को कर्ज देने वाले 3 सरकारी बैंकों व कम्पनी के फंड की जांच को कहा था।

jyoti choudhary

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