निओ इंजनों को लेकर अतिरिक्त निर्देश जारी करेगा डीजीसीए

Wednesday, Jan 09, 2019 - 04:02 PM (IST)

 

नई दिल्लीः निओ इंजनों के उड़ान के दौरान हवा में बंद होने के घटनाओं के मद्देनजर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) इनके संबंध में जल्द ही नए दिशा-निर्देश जारी करेगा। नागर विमानन मंत्रालय तथा डीजीसीए के अधिकारियों ने इस संबंध में मंगलवार को एक समीक्षा बैठक की थी जिसमें निओ इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड ह्विटनी, विमान बनाने वाली कंपनी एयरबस तथा निओ इंजन वाले विमानों का परिचालन करने वाली भारतीय विमान सेवा कंपनियां इंडिगो और गो एयर के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि एयरबस अपने विमानों में निओ इंजन का इस्तेमाल करती है। गो एयर और इंडिगो के पास कुल मिलाकर नियो इंजन वाले 97 विमान हैं। महानिदेशालय ने आज बताया कि वह दोनों विमान सेवा कंपनियों को एक सप्ताह के भीतर संरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर अतिरिक्त निर्देश जारी करेगा। उसने कहा कि वह स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। महानिदेशालय द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि देश में निओ इंजन वाले विमानों का परिचालन मार्च 2016 में शुरू हुआ था और अब तक हवा में इन इंजनों के बंद होने की 12 घटनाएं सामने आई हैं। इनके अलावा इंजन में खराबी के कुछ और मामले भी सामने आए हैं। उसने बताया कि हवा में निओ इंजन के बंद होने की दर देश में प्रति एक हजार 0.02 है जबकि वैश्विक स्तर पर यह दर 0.05 प्रति हजार तक रहने पर इंजन को सुरक्षित माना जाता है।

डीजीसीए इस मसले पर विमानों एवं इंजनों के वैश्विक प्रमाणन नियामक प्राधिकरणों के साथ संपर्क में है। अमेरिका के संघीय विमानन प्राधिकरण और यूरोप के ईएएसए ने भी इन इंजनों को असुरक्षित करार नहीं दिया है। उसने बताया कि हवा में इंजन बंद होने तथा अन्य गड़बड़यिों की वजह नंबर-3 बियरिंग सील की विफलता, नाइफ एज सील की विफलता, कम्बशन चैम्बर के भीतर अपक्षरण, लो प्रेशर टर्बाइन रोटर ब्लेड का क्षतिग्रस्त होना और मेन गियर बॉक्स की खराबी रही है। इसमें मेन गियर बॉक्स की खराबी को प्रैट एंड ह्वटनी ने ठीक कर लिया है।
 

jyoti choudhary

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