जेट एयरवेज को DGCA का एक और झटका, रद्द किया इंजीनियरिंग विभाग का ऑथराइजेशन

Friday, Jun 14, 2019 - 11:22 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज को एक और झटका लगा है। एविएशन रेगुलेटर ने जेट एयरवेज के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट का ऑथराइजेशन रद्द कर दिया है यानी जेट का इंजीनियरिंग विभाग अब कामकाज नहीं कर सकेगा। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की इस कार्रवाई का असर जेट एयरवेज के सबसे महत्वपूर्ण एसेट्स, इसके विमानों पर पड़ेगा। इन विमानों के कुछ महीनों से उड़ान न भरने के बावजूद इन्हें मेन्टिनेंस की जरूरत है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब जेट एयरवेज के फ्लाइंग परमिट की बहुत कम वैल्यू रह गई है। 

बैंकरप्ट हो चुकी इस एयरलाइन के बेड़े में अब 14 विमान बचे हैं। इनमें मुख्यतौर पर चौड़ी बॉडी वाले बोइंग 777 विमान हैं। इन विमानों की मालिक जेट एयरवेज है। एयरलाइन के अधिकतर अन्य विमान लीज पर थे और जेट एयरवेज के मंथली रेंटल का भुगतान न करने से इन विमानों को लीज पर देने वाली कंपनियों ने डीरजिस्टर्ड कर दिया है। जेट एयरवेज के इंजीनियर्स की संख्या लगभग 500 है। 

इस संदर्भ में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, 'जेट एयरवेज अपने इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लिए विमानों के मेंटेनेंस के न्यूनतम मापदंड को पूरा नहीं कर रही थी इसलिए यह कार्रवाई की गई है।' 

20 जून तक स्थगित की जेट एयरवेज से संबंधित सुनवाई
बता दें कि जेट एयरवेज के दिवाला एवं शोधन अक्षमता से जुड़े मामले की सुनवाई राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 20 जून तक के लिए स्थगित कर दी है। जेट एयरवेज को एनसीएलटी में घसीटने वाले दो परिचालकीय ऋणदाताओं शमन व्हील्स और गग्गर एंटरप्राइजेज को न्यायाधिकरण ने एयरलाइन को दोबारा कानूनी नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। न्यायाधिकरण ने दिवाला प्रक्रिया से जुड़ी इस याचिका को सुनवाई के लिए अब तक दाखिल नहीं किया है।

जेट एयरवेज पर शमन व्हील्स की 8.74 करोड़ रुपए और गग्गर एंटरप्राइजेज की 53 लाख रुपए की देनदारी है। जेट एयरवेज पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले बैंकों के समूह का 8,000 करोड़ रुपए, आपूर्तिकर्ताओं का 10 हजार करोड़ रुपए और कर्मचारियों के वेतन का 3,000 करोड़ रुपए का बकाया है। 

28 जून से जेट एयरवेज के शेयर की ट्रेडिंग पर पाबंदी    
इसके साथ ही आपको बता दें कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज जेट एयरवेज के शेयरों की ट्रेडिंग पर 28 जून से पाबंदी लगा देगा। जेट के कर्जदाता कंपनी के लिए नया खरीदार ढूंढ रहे हैं। 

इसपर नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने कहा है कि कंपनी अपने बारे में विभिन्न अफवाहों का जवाब देने में नाकाम रही है। जेट का जवाब स्पष्ट और संतोषजनक नहीं था। यह फैसला एक्सचेंजों ने संयुक्त रूप से लिया है और यह 28 जून से प्रभावी हो जाएगा। 

jyoti choudhary

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