नेस्ले की 100 करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी पकड़ी गई, कंपनी ने धन ग्राहक कल्याण कोष में जमा कराया

Monday, Oct 22, 2018 - 06:26 PM (IST)

नई दिल्लीः माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत मुनाफाखोरी-रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) ने चॉकलेट और नूडल्स जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया की 100 करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी पकड़ी है। कंपनी जीएसटी दर में कमी के बावजूद ग्राहकों तक उसका लाभ नहीं पहुंचाने की दोषी पाई गई।

डीजीएपी ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) के पास जमा की गई जांच रिपोर्ट में कहा है कि नेस्ले इंडिया ने जीएसटी दर में कमी का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है और मुनाफाखोरी की है। उसने कर दर कम होने के बावजूद उत्पादों की कीमत नहीं घटाई। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि नेस्ले ऐसे मामलों में स्वत: ही धन को ग्राहक कल्याण कोष में जमा करा देती है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जीएसटी में कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने के लिए हमने पर्याप्त कदम उठाए हैं। जहां अधिकतम खुदरा मूल्य के चलते तत्काल ग्राहकों को कीमत कटौती का फायदा नहीं पहुंचाया जा सकता है, वहां कंपनी उस धन को अलग रखती है और उसे अपने लाभ या बिक्री में नहीं दर्शाती है।’’ नेस्ले इंडिया, चॉकलेट, नूडल्स और कॉफी जैसे उत्पाद बेचती है। जीएसटी परिषद ने 178 उत्पादों पर जीएसटी की दर कम की है जिसमें चॉकलेट, माल्ट, खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाला आटा, वेफल और वेफर्स वाले चॉकलेट शामिल हैं।

जीएसटी के तहत ही व्यवस्था की गई है कि जब दाम कटौती का फायदा ग्राहकों को नहीं पहुंचाया जा सके तो उस राशि को एक ग्राहक कल्याण कोष में जमा कराना होता है। कंपनी के प्रवक्ता ने एक ई-मेल के जवाब में बताया कि उसने खुद से संज्ञान लेते हुए इस राशि को ग्राहक कल्याण कोष में जमा कराया है।      

jyoti choudhary

Advertising