रोक लगाने के बाद भी चीन से नहीं रुक रहा है पटाखों का आयात

punjabkesari.in Wednesday, Aug 22, 2018 - 06:56 PM (IST)

नई दिल्लीः संसद की एक समिति ने रोक के बावजूद चीन से चोरी छिपे पटाखों के आयात पर चिंता जताते हुए बंदरगाह और सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने का सुझाव दिया है। समिति ने पटाखा उद्योग के लिए माल एवं सेवाकर (जीएसटी) ढांचे की समीक्षा पर भी जोर दिया है।

वाणिज्य पर संसद की विभाग संबंधी स्थायी समिति की भारतीय उद्योग पर चीनी उत्पादों के प्रभाव संबंधी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पटाखा उद्योग तमिलनाडु के शिवकाशी में स्थित है। आज यह एक प्रमुख औद्योगिक हब में बदल चुका है। फिलहाल शिवकाशी में 850 कारखाने हैं, जिनमे 8 लाख लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है।

संसद के मानसून सत्र में पेश समिति की 145वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बाजारों में चीनी पटाखों की बाढ़ से घरेलू उद्योग प्रभावित हो रहा है। पटाखा कारोबार मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में होता है। घरेलू पटाखा उद्योग करीब 4,000 करोड़ रुपए का है। नरेश गुजराल की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकार से पटाखा उद्योग पर लागू जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने को कहा है। समिति ने कहा है कि श्रमिकोन्मुखी उद्योग होने के बावजूद इस पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है। 

उद्योग को केवल कच्चे माल पर ही इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता है जबकि यह उसकी कुल उत्पादन लागत में 35 प्रतिशत हिस्सा है। शेष 65 प्रतिशत में वेतन, प्रशासनिक खर्च और मुनाफा मार्जिन शामिल है जिस पर कोई टैक्स क्रेडिट नहीं मिलता है। समिति ने पटाखा उद्योग के लिए जीएसटी ढांचे को तर्कसंगत बनाने की इच्छा व्यक्त की है। समिति ने कहा कि चीन से आयातित पटाखों से स्वास्थ्य संबंधी चिंता भी बनी है। चीन के पटाखों में पोटैशियम क्लोरेट का इस्तेमाल होता है जो भारत में प्रतिबंधित है।

 


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jyoti choudhary

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