ट्विन टॉवर को ध्वस्त करना रियल एस्टेट क्षेत्र के सभी हितधारकों के लिए एक सबक है: उद्योग जगत

punjabkesari.in Sunday, Aug 28, 2022 - 05:00 PM (IST)

नई दिल्लीः नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टॉवर ढहाए जाने को लेकर उद्योग जगत ने भी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उनका कहना है कि इससे रियल एस्टेट उद्योग के सभी पक्षकारों को यह सबक मिलेगा कि भवन नियमों का उल्लंघन होने पर जवाबदेही तय की जाएगी। उद्योग जगत ने कहा कि रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून, 2016 के तहत राज्य नियामक प्राधिकरणों को और सशक्त बनाना चाहिए जिससे कि वे उपभोक्ता हितों की रक्षा कर सकें और चूककर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर सकें। दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचे 100 मीटर के एपेक्स और सियान टॉवर को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। 

उच्चतम न्यायालय ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर के बीच इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था, जिसके बाद इन्हें ढहाने का काम किया गया। रियल एस्टेट क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष हर्ष वर्धन पटोदिया ने कहा, ‘‘यह निर्णय उस नए भारत का प्रतीक है जिसमें हम रह रहे हैं, जो सर्वश्रेष्ठ गतिविधियों, शासन और कानून का पालन करने वाला है। इस निर्णय में हम उच्चतम न्यायालय और अधिकारियों के साथ हैं।'' पटोदिया ने कहा कि ज्यादातर संगठित डेवलपर सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं और जो लोग नहीं करते, यह कार्रवाई उन्हें याद रहनी चाहिए। 

संपत्ति सलाहकार अनुज पुरी ने कहा, ‘‘यह सभी हितधारकों के लिए एक सबक है। शीर्ष न्यायालय ने यह बता दिया है कि अगर कोई उल्लंघन होगा तो जवाबदेही तय की जाएगी।'' नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि रियल एस्टेट को पारदर्शी और एक जिम्मेदारी वाला कारोबार बनाने के लिए यह एक बड़ा और मजबूत कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करने और उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध करवाने जैसे कदम पारदर्शिता लाने में सहायक होंगे। इसके अलावा रेरा को उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और चूककर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए और अधिकार दिए जाने चाहिए।'' 

भारत में सबसे बड़े बाजारों में से एक दिल्ली-एनसीआर का संपत्ति बाजार रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा करने में डेवलपरों की ओर से हो रही चूक की वजह से बीते एक दशक से बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर में जेपी इंफ्राटेक, यूनिटेक, आम्रपाली और 3सी कंपनी जैसी कई बड़ी कंपनियों की परियोजनाएं ठप पड़ी हैं। 


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Content Writer

jyoti choudhary

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