कोरोना की दूसरी लहर के बाद जून में रियल एस्टेट गतिविधि में बड़ी तेजीः रिपोर्ट

Wednesday, Jul 07, 2021 - 02:04 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण अप्रैल और मई माह में गंभीर आर्थिक परिणाम देखने को मिले। इसके बावजूद जून में अचल आवासीय संपत्ति में सुधार के संकेत दिखे। मैजिकब्रिक्स प्रोपइंडेक्स Q2 (अप्रैल-मई-जून) 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, जून तिमाही के दौरान कीमतों में 1.7 फीसदी की वृद्धि देखी गई

अप्रैल और मई के दौरान मंदी के बावजूद, जून 2021 में आवास की मांग मार्च 2021 के स्तर पर पहुंच गई। दूसरी लहर के कारण इंटरमिटेंट लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम के बीच 3BHK की मांग में वृद्धि हुई है।

दूसरी लहर के कारण इंटरमिटेंट लॉकडाउन और वर्क-फ्रॉम-होम नीतियों की निरंतरता ने 3BHK और उससे अधिक की मांग में वृद्धि सुनिश्चित की क्योंकि घर खरीदार घर की आवश्यकता के अनुरूप एक अतिरिक्त कमरे की आवश्यकता के लिए अपग्रेड करना चाह रहे हैं। घर खरीदार ऐसा घर देख रहे हैं जिसमें अतिरिक्त कमरा भी हो। इस बदलाव के कारण दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद और कोलकाता में 3बीएचके और उच्च कॉन्फ़िगरेशन की मांग में वृद्धि हुई है।

प्रॉपइंडैक्स रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए मैजिकब्रिक्स के सीईओ सुधीर पई ने कहा, "पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में आवासीय अचल संपत्ति की मांग में सुधार तेजी से हुआ है। बेंगलुरू, चेन्नई, ठाणे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, कोलकाता और दिल्ली के आवासीय बाजारों में तिमाही के दौरान 1-2.3 फीसदी तक कीमतों में सुधार देखा गया। चिकित्सा खर्च और लोन में भी वृद्धि देखी गई। कीमतों में यह वृद्धि इन मुश्किल दौर में भी आवास क्षेत्र की आंतरिक शक्ति को दर्शाती है। इस तिमाही में नए लॉन्च के कारण पूरे भारत में आपूर्ति में लगभग 8 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जिसमें हैदराबाद में अधिकतम 20 फीसदी की वृद्धि देखी गई।"

आगामी तिमाहियो में भी सुधार की उम्मीद
प्रॉपटाइगरडॉटकॉम के ग्रूप सीईओ ध्रुव अगरवाला का कहना है कि वर्ष 2021 में अप्रैल-जून की तिमाही के दौरान चुनौतीपूर्ण स्थिति थी। बीते मई के अंत से पहले कोरोनोवायरस के तीव्र संक्रमण के कारण हताहतों की संख्या चरम पर पहुंच गई थी। इस वजह से मकानों की मांग और आपूर्ति दोनों प्रभावित हुईं। इसे जून के महीने के दौरान कवर किया गया था, जब राज्यों ने लॉकडाउन में ढील देनी शुरू की। इसे देखते हुए आगामी तिमाहियों में आवासीय रियल एस्टेट के इन दोनों संकेतकों में सुधार की उम्मीद है।

  

jyoti choudhary

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