कोरोनाकाल में बढ़ी ग्रॉसरी की मांग, डबल हुआ परिवारों का खर्च

Tuesday, Aug 11, 2020 - 02:44 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोनाकाल में अप्रैल-जून तिमाही में परिवारों का ग्रॉसरी और पर्सनल केयर के प्रोडक्ट पर खर्च करीब दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। एक रिसर्च के अनुसार इस खर्च में बढ़त दिखने की वजह ये बताई जा रही है कि कोरोना काल में लोगों ने बहुत सारे प्रोडक्ट खरीद कर उनका स्टॉक बना लिया था। इस वजह से फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स का बाजार करीब 4.3 फीसदी बढ़ा है। ये आंकड़े Kantar Worldpanel मार्केट रिसर्च फर्म ने दिए हैं। 

ये आंकड़े नील्सन के आंकड़ों से बिल्कुल उलट हैं, जिसमें कहा गया था कि बाजार 18 फीसदी तक गिरा है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि नील्सन मुख्य रूप से पैकेज्ड प्रोडक्ट की रिटेल सेल्स को कवर करता है, जबकि Kantar ब्रांडेड और लोकल हर तरह के प्रोडक्ट की खपत के आधार पर आंकड़े देता है। 

फूड और नॉन-फूड दोनों तरह के प्रोडक्ट की खपत बढ़ी
ओवरऑल देखा जाए तो अधिकतर कंपनियों ने या तो गिरावट दर्ज की है या फिर तिमाही में तगड़ी सेल दर्ज की है। एफएमसीजी कंपनी मैरिको के मैनेजिंग डायरेक्टर सौगत गुप्ता कहते हैं कि लोगों के घरों में रहने की वजह से फूड और नॉन-फूड दोनों तरह के प्रोडक्ट की खपत बढ़ी है। जो कंपनियों घरों से बाहर प्रोडक्ट बेचने पर कम निर्भर रहीं, उनके नतीजे अच्छे आए।

दालें, नूडल्स, बिस्कुट और डेयरी के सामान की मांग अच्छी थी
ब्रिटानिया कंपनी को ही अगर देखें तो इस कंपनी की सेल 25 फीसदी बढ़ी है। वहीं हिंदुस्तान यूनीलीवर का कहना है कि जैम और कैचअप की मांग में तेजी से गिरावट देखी गई, क्योंकि लोग घरों में रह रहे हैं। सनफीस्ट बिस्कुट और बिंगो चिप्स बनाने वाली कंपनी आईटीसी का कहना है कि दालें, नूडल्स, बिस्कुट और डेयरी के सामान की जून तिमाही में अच्छी मांग देखी गई।

jyoti choudhary

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