जहरीली हवा से मिलेगी मुक्ति, दिल्ली में 50 करोड़ रुपए खर्च कर लगाने पड़ेंगे 150 एयर प्यूरीफायर टावर

Saturday, Nov 16, 2019 - 11:15 AM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली को जहरीली हवा से राहत दिलाने के लिए आने वाले समय में चीन की तरह बड़े एयर प्यूरीफायर टावर लगाए जा सकते हैं। दरअसल दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती समस्या से स्थाई रूप से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एयर प्यूरीफायर टावर लगाने का निर्देश दिया है। एयर प्यूरीफायर टावर के मामले में चीन ने महारत हासिल कर रखी है। दुनिया का सबसे ऊंचा एयर प्यूरीफायर टावर चीन में लगाया गया है। इसकी लंबाई 328 फीट है, जो दस वर्ग किलोमीटर एरिया में समॉग को घटाने में कारगर है। इसे उत्तरी चीन के शांग्सी प्रांत में बनाया गया है।

150 टॉवर लगाने पर करीब 50 करोड़ रुपए का खर्च
अगर भारत में एयर प्यूरीफायर टावर लगाए जाएं, तो दिल्ली के 1484 स्कवायर किमी दायरे में करीब 150 एयर प्यूरीफायर लगाने पड़ेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में 60 मीटर (198 फीट) ऊंचा एक एयर प्यूरीफायर टावर लगाने में करीब 19 लाख रुपए का खर्च आया। ऐसे में 328 फीट लंबा एक टावर लगाने में करीब 30 से 35 लाख रुपए खर्च आएगा। अगर भारत की बात करें, तो यहां ऐसे 150 टॉवर लगाने में करीब 50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

कैसे काम करता है एयर प्यूरीफायर टावर
दुनिया का ये सबसे बड़ा प्यूरिफायर चार भागों में काम करता है। पहले हिस्से में यह प्रदूषित हवा को कलस्टर के जरिए खींचता है। फिर इसमें मौजूद ग्रीन हाउस, सोलर एनर्जी से प्रदूषित वायु को गर्म करता है। टावर के ऊपरी हिस्से पर पहुंचने तक प्रदूषित हवा को कई स्तरों पर फिल्टर किया जाता है। इसके बाद प्रदूषित हवा स्वच्छ होकर दोबारा पर्यावरण में मिल जाती है।

Supreet Kaur

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