R-Infra को दिल्ली मेट्रो देगी 2950 करोड़ रुपए का हर्जाना

Friday, May 12, 2017 - 11:32 AM (IST)

नई दिल्लीः रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने आर्बिट्रेशन में दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डी.एम.आर.सी.) के खिलाफ मामला जीत लिया है। आर्बिट्रेशन ने डी.एम.आर.सी. को रिलायंस की सहायक कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड को 2,950 करोड़ रुपए का हर्जाना देने को कहा है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि अगर ब्याज भी मिला दिया जाए तो हर्जाने की रकम 4,725 करोड़ रुपए पहुंच जाएगी जो संभवत: इस तरह की सबसे बड़ी रकम है।

कंपनी ने फैसले का किया स्वागत
इस हर्जाने में डी.एम.आर.सी. के रियायत समझौते के तहत अपने दायित्वों के उल्लंघन से हुए नुकसान और डी.ए.एम.ई.पी.एल. के कामकाज करने की क्षमता पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव की भरपाई शामिल है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने एक बयान में कहा कि वह देश में मेट्रो परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी मॉडल के जरिए इससे जुड़ी थी लेकिन दुर्भाग्य से उसे यह समझौता समाप्त करना पड़ा। कंपनी ने कहा कि वह आर्बिट्रेशन के फैसले का स्वागत करती है और उसे उम्मीद है कि इसे निजी क्षेत्र की कंपनियां राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित होंगी।

साढ़े 3 साल की सुनवाई के बाद सुनाया फैसला
बयान में कहा गया है कि रियायत समझौते के प्रावधानों को समाप्त करने के आधार पर आर्बिट्रेशन ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के पक्ष में फैसला सुनाया है। आर्बिट्रेशनने डी.ए.एम.ई.पी.एल. के इस समझौते को खत्म करने के फैसले को सही ठहराया है। रियायत समझौते के मुताबिक डी.एम.आर.सी. द्वारा नामांकित पैनल में से 3 सदस्यीय आर्बिट्रेशन का गठन सितंबर 2013 में किया गया था। आर्बिट्रेशन ने करीब साढ़े तीन साल की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया। 

Advertising