अनिल अंबानी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और SBI से मांगा जवाब

Tuesday, Oct 13, 2020 - 11:40 AM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरकॉम के पूर्व चेयरमैन अनिल अंबानी की एक याचिका पर केंद्र सरकार और भारतीय स्टेट बैंक से सोमवार को जवाब मांगा जिसमें उन्होंने उनकी दो कंपनियों के खिलाफ 1,200 करोड़ रुपए ऋण की वसूली के लिए चल रही दिवाला प्रक्रिया में चीन के कुछ लेनदार बैंकों को भी शमिल करने का अनुरोध किया है। 

चीनी बैंकों ने ब्रिटेन की एक अदालत से अंबानी के खिलाफ 71.7 करोड़ डॉलर की वसूली का आदेश हासिल किया है। इसी के साथ अदालत ने अंबानी की परिसंपत्ति को बेचकर वसूल करने पर लगाई रोक को भी फिलहाल जारी रखा है। अंबानी को यह छूट दिवाला एवं ऋण शोधन संहिता की धारा 96 के तहत दी गई है। अदालत की ओर से यह निर्देश अंबानी की संपत्ति बेचने को लेकर एसबीआई की स्पष्टीकरण की मांग पर दिया गया है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और रजनीश भटनागर की पीठ ने भारतीय दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) को भी अंबानी के आवेदन पर नोटिस जारी किया है। 

अंबानी ने मामले में चीनी बैंकों को भी पक्षकार बनाने की याचिका दायर की है ताकि वह ब्रिटेन की अदालत के मई के आदेश का पालन करने के चलते अदालत की अवमानना के मामले में ना घिर जाएं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंबानी पर उनकी परिसंपत्ति के हस्तांतरण, अलग होने, रेहन पर रखने या फिर उसके कानूनी अधिकार या हित खत्म करने पर रोक लगा दी है। यह रोक उनके खिलाफ दिवाला प्रक्रिया लंबित रहने तक जारी रहेगी। अंबानी ने आरकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड के लिए अगस्त 2016 में क्रमश: 565 करोड़ रुपए और 635 करोड़ रुपए के ऋण के लिए एसबीआई को निजी गारंटी दी थी।

jyoti choudhary

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