छोटे व्यवसायों का ऋण डिफॉल्ट मार्जिन एक वर्ष में हुआ दोगुनाः RBI

Tuesday, Sep 04, 2018 - 11:44 AM (IST)

नई दिल्लीः आर.बी.आई. के आंकड़ों अनुसार माइक्रोसॉफ्ट और छोटे व्यवसायों ने जी.एस.टी. के प्रदर्शन और कार्यान्वयन के चलते संघर्ष जारी रखा है जिसमें दिखाया गया है कि पिछले साल के मुकाबले उनका ऋण डिफॉल्ट मार्जिन दोगुना हो गया, यानी मार्च 2017 तक 8,249 करोड़ रुपए से मार्च 2018 तक 16,118 करोड़ रुपए हो गया है। सूचना के अधिकार (आर.टी.आई.) अधिनियम तहत प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि गैर-निष्पादित सम्पत्ति (एन.पी.ए.) या सूक्ष्म और छोटी इकाइयों के बुरे ऋण, जहां संयंत्र और मशीनरी में निवेश 25 लाख रुपए से अधिक है लेकिन 5 करोड़ रुपए से अधिक नहीं, मार्च 2018 तक 82,382 करोड़ से बढ़कर 98,500 करोड़ रुपए हो गया।

आर.टी.आई. के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि मार्च 2017 से बढ़ गए ऋण चूक के बड़े हिस्से को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा जिम्मेदार माना जाता है, जिनकी पिछली इकाइयों में 66.61 फीसदी की तुलना में छोटी इकाइयों को बकाया ऋण में 65.32 फीसदी हिस्सेदारी थी। भारतीय रिजर्व बैंक के जवाब में कहा गया है कि मार्च 2018 तक सूक्ष्म और छोटी इकाइयों के लिए बढ़ती प्रगति 6.72 फीसदी बढ़कर 10,49,796 करोड़ रुपए हो गई जो मार्च 2017 में 9,83,655 करोड़ रुपए थी और हाल ही में क्रैडिट वृद्धि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी। 2 हफ्ते पहले जारी किए गए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एम.एस.एम.ई.) पर एक अलग अध्ययन में आर.बी.आई. ने स्वीकार किया कि इस क्षेत्र में 2 प्रमुख हालिया झटके नोटबंदी और जी.एस.टी. हैं।

मध्यम आकार के PSU बैंकों में 23 फीसदी सकल NPA
रिपोर्ट के अनुसार निजी बैंकों का मुख्य रूप से केन्द्रीयकृत क्रैडिट और जोखिम निर्धारण कर्मचारियों का उच्च फीसदी होता है जिसके परिणामस्वरूप उनके पास खुदरा और एम.एस.एम.ई. सैगमैंट में कम सकल एन.पी.ए. होते हैं। मध्यम आकार के पी.एस.यू. बैंकों में 23 फीसदी सकल एन.पी.ए. है। ‘उच्च एन.पी.ए. के बावजूद बैंक मध्यम उद्यमों को उधार देना जारी रखते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सैगमैंट में सतर्क  रहने की जरूरत है और क्रैडिट अंडर राइटिंग बेहद जरूरी है।

छोटे व्यवसाय खंड में हुई क्रैडिट वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे व्यवसाय खंड में क्रैडिट वृद्धि हुई है। आई.बी.ए. के सी.ई.ओ. वी.जी. कन्नन ने कहा, ‘‘हम जिम्मेदार क्रैडिट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और मेरा मानना है कि एक मजबूत ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता है जो उधार दाताओं और उपभोक्ताओं को जिम्मेदारी से वित्त तक पहुंच का उपयोग करने में मदद करे।’’


 

Supreet Kaur

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