उपचार में लापरवाही से हुई मरीज की मौत, अब 2 डॉक्टर देंगे 5.05 लाख

Sunday, Dec 29, 2019 - 10:43 AM (IST)

नरसिंहपुरः उपचार में लापरवाही की वजह से मरीज की मौत होने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम ने 2 डॉक्टरों के खिलाफ 5.05 लाख रुपए के हर्जाने का आदेश पारित किया है।

क्या है मामला 
कांति साहू के पति हरिश्चंद्र साहू लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी थे। 15 जुलाई 2011 को उनके पेट में दर्द होने पर उन्हें पराडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका अपैंडिक्स का ऑप्रेशन किया गया। 28 जुलाई 2011 को 28,000 रुपए के बिल का भुगतान लेकर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया लेकिन इसके बावजूद हरिश्चंद्र को तकलीफ बनी रही और उसे लगातार बुखार आता रहा। जिस पर उसे जिला शासकीय अस्पताल नरसिंहपुर में भर्ती कराया गया लेकिन उसका स्वास्थ्य ठीक न होने पर उसकी पत्नी उसे इलाज के लिए नागपुर ले गई। वहां डॉक्टर अरविंद जागलेकर ने उसका इलाज किया। उन्होंने बताया कि ऑप्रेशन के समय पेट में लापरवाहीपूर्वक कॉटन छोड़ दी गई थी, जिसे डॉक्टर ने निकाला और बताया कि पेट में छोड़े गए कॉटन की वजह से लंबे समय से पेट में पस बनने के कारण उसकी पुरानी बीमारी उभर आई है। काफी इलाज कराने के बाद 17 अक्तूबर 2011 को हरिश्चंद्र साहू की मृत्यु हो गई। जिस पर उसकी पत्नी कांति ने पुलिस और जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम में शासकीय चिकित्सक डॉ. प्रदीप धाकड़ और पराडकर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. पराग पराडकर के खिलाफ  मामला दर्ज कराया। 

यह कहा फोरम ने 
मामले की सुनवाई के दौरान फोरम के अध्यक्ष के.के. त्रिपाठी और सदस्य रमाकांत दीक्षित ने समस्त दलीलों व साक्ष्यों का विश्लेषण करने के बाद मामला सेवा में कमी का पाया। फोरम ने डॉ. प्रदीप धाकड़ और डॉ. पराग पराडकर के खिलाफ  5 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि और 5,000 रुपए के वाद व्यय का आदेश पारित किया है।
 

jyoti choudhary

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