उपभोक्ता और रिटेल सेक्टर में तीन साल की ऊंचाई पर डील वॉल्यूम: ग्रांट थॉर्नटन
punjabkesari.in Thursday, Apr 17, 2025 - 04:34 PM (IST)

नई दिल्लीः 2025 की पहली तिमाही में भारत के उपभोक्ता और रिटेल सेक्टर ने बीते तीन वर्षों में सबसे अधिक डील वॉल्यूम दर्ज किया है। ग्रांट थॉर्नटन भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह तेजी प्राइवेट इक्विटी और मर्जर-अधिग्रहण (M&A) गतिविधियों में व्यापक सुधार के बीच देखी गई है।
इस दौरान 139 सौदे हुए, जिनकी कुल वैल्यू 3.8 अरब डॉलर रही। यह आंकड़ा पिछले तिमाही की तुलना में डील वॉल्यूम में 65% और डील वैल्यू में 29% की बढ़ोतरी दर्शाता है। छोटे सौदों की भरमार और दो बड़े-बड़े बिलियन डॉलर के सौदों ने इस प्रदर्शन को मजबूती दी।
दो बड़े सौदे
तेमासेक ने हल्दीराम में 10% हिस्सेदारी के लिए 1 अरब डॉलर का निवेश किया – यह भारत के पैकेज्ड फूड सेक्टर की अब तक की सबसे बड़ी डील मानी जा रही है।
विलमर इंटरनेशनल (सिंगापुर) ने अडानी विलमर के स्टेपल बिजनेस का 1.44 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया।
इन दोनों डील्स ने इस सेक्टर की कुल डील वैल्यू का 75% से अधिक हिस्सा बनाया।
विविध क्षेत्रों में निवेश, उपभोक्ता सेक्टर सबसे आगे
ग्रांट थॉर्नटन की पार्टनर शांति विजेता ने बताया, “प्राइवेट इक्विटी निवेश विभिन्न क्षेत्रों में फैले रहे, लेकिन उपभोक्ता और रिटेल सेक्टर ने डील वॉल्यूम में 28% और वैल्यू में 18% का योगदान दिया।” रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुल PE/VC सौदे 408 रहे, जिनकी कुल वैल्यू 8.6 अरब डॉलर रही, जो पिछले 11 तिमाहियों में सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
ई-कॉमर्स, FMCG, वस्त्र, फैशन, और पर्सनल केयर जैसे सेगमेंट ने कुल डील वॉल्यूम का 63% हिस्सा लिया। हालांकि, औसत डील साइज 34.8 मिलियन डॉलर से घटकर 27.2 मिलियन डॉलर रह गया।
बाजार का भाव और आगे की राह
ग्रांट थॉर्नटन के पार्टनर विशाल अग्रवाल ने कहा, “भारतीय पूंजी बाजार में फिलहाल धीमापन है, जिससे संकेत मिलता है कि वैल्यूएशन को यथार्थ स्तर पर आना होगा ताकि निवेशकों की रुचि फिर से बढ़े। हालांकि अमेरिका में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता अब भी बनी हुई है।”