रामदेव के रुचि सोया प्लान में सिंगापुर के बैंक ने डाला अड़ंगा

Thursday, May 09, 2019 - 11:52 AM (IST)

नई दिल्ली: बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद का दिवालिया कम्पनी रुचि सोया को खरीदने के प्लान में फिर  अड़ंगा पड़ सकता है। इस बार डीबीएस बैंक सिंगापुर ने पतंजलि के रुचि सोया के लिए पेश किए गए 4,350 करोड़ रुपए के रैजोलूशन प्लान का विरोध किया और कर्ज में डूबी कम्पनी के लिए यह वैल्युएशन खासी कम बताई। 

फाइनैंशियल एक्सप्रैस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिंगापुर के बैंक ने दावा किया कि उसे एसैट्स की सही वैल्यू नहीं मिली है। इससे पहले पतंजलि रुचि सोया को खरीदने की दौड़ में अडानी ग्रुप से पिछड़ गई थी हालांकि प्रोसैस में देरी के चलते अडानी ग्रुप पीछे हट गया था। डी.बी.एस. ने कहा कि रुचि के संयंत्र और उपकरणों पर पहला हक हमारा है। रुचि सोया पर हमारा 243 करोड़ रुपए बकाया है। डीबीएस ने न्यायाधिकरण को बताया कि  यदि कंपनी परिसमापन के लिए जाती है तो हमें 217 करोड़ रुपए मिलेंगे। यह बकाया का 90 प्रतिशत है। हालांकि कर्जदाताओं की समिति (सी.ओ.सी.) ने सबको बराबर राशि देने का फैसला किया है और इसके चलते हमें रुचि सोया सौदे से केवल 118 करोड़ रुपए मिलेंगे। इस मामले में सुनवाई को टालते हुए एन.सी.एल.टी. के 2 सदस्यों ने रैजोलूशन प्रोफैशनल से अधिग्रहण के लिए पतंजलि द्वारा की जाने वाली फंडिंग के तरीके का ब्यौरा  10 मई तक पेश करने के लिए कहा है।

रुचि सोया के 27 लेनदारों में से एक है डी.बी.एस. बैंक
डीबीएस रुचि सोया के 27 लेनदारों में से एक है। रुचि सोया की वैबसाइट पर उपलब्ध डॉक्यूमैंट्स के मुताबिक डीबीएस बैंक सिंगापुर कम्पनी का एक लैंडर है और उसने 2 एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग फैसिलिटी का विस्तार किया है। इसके बदले में रुचि सोया की कांडला (गुजरात) की मैन्युफैक्चरिंग रिफाइनरी यूनिट्स और गुना, दालोदा और गदरवाड़ा (मध्य प्रदेश) व बारन (राजस्थान) की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की मौजूदा और फ्यूचर फिक्स्ड एसैट्स पर पहला दावा डीबीएस का बनता है। 

पतंजलि के लिए 3 बैंक कर सकते हैं फंडिंग
एनसीएलटी में मंगलवार को हुई एक सुनवाई में सामने आया कि कम से कम 3 सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ  इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा पतंजलि के रुचि सोया प्लान की फंडिंग में मदद कर सकते हैं। इस बारे में ज्यादा डिटेल अगली सुनवाई के बाद सामने आने की उम्मीद है।

vasudha

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