सायरस मिस्त्री को NCLT का बड़ा झटका, टाटा संस के खिलाफ लगे आरोप खारिज

Monday, Jul 09, 2018 - 11:33 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन के पद से हटाए जाने के बाद शुरू हुए विवाद को लेकर आज नेशनल कंपनी लॉ ट्र‍िब्यूनल (एनसीएलटी) ने फैसला सुना दिया है। ट्र‍िब्यूनल ने टाटा संस के पक्ष में फैसला दिया है और सायरस मिस्त्री की याचिका खारिज कर दी है। सायरस मिस्त्री ने चेयरमैन पद से हटाए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी। सायरस मिस्त्री पर जानकारी लीक करने का आरोप था।

एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा कि बोर्ड के पास पद से हटाने का अधिकार है। ट्र‍िब्यूनल ने रतन टाटा के खिलाफ लगाए गए आरोप को खारिज कर दिया है और कहा कि टाटा ग्रुप मैनेजमेंट में कोई गड़बड़ी नहीं है।



लगाया था यह आरोप
मिस्त्री की ओर से दिसंबर 2016 में दायर याचिका में टाटा ग्रुप की ऑपरेटिंग कंपनियों में रतन टाटा और टाटा ट्रस्ट्स के एन ए सूनावाला के हस्तक्षेप के कारण टाटा संस में गवर्नेंस कमजोर होने और बिजनेस को लेकर गलत फैसले किए जाने का आरोप लगाया था। मिस्त्री ने टाटा संस के बोर्ड में शापूरजी पालोनजी ग्रुप को उपयुक्त प्रतिनिधित्व देने, टाटा संस के मामलों में टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टीज के हस्तक्षेप को रोकने, टाटा संस को प्राइवेट कंपनी में तब्दील होने से बचाने और टाटा संस में सायरस मिस्त्री फैमिली फर्मों के शेयर्स को जबरदस्ती ट्रांसफर करने की अनुमति न देने की मांग की थी।



NCLT के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे मिस्त्री 
उधर मिस्त्री ने कहा कि वह एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। मिस्त्री के कार्यालय की ओर से जारी बयान में एनसीएलटी की मुंबई पीठ के फैसले को हैरान करने वाला नहीं बल्कि निराशाजनक बताया गया है। बयान में कहा गया है, "हम बहुलांश हिस्सेदारी वालों के क्रूर शासन से टाटा संस के सभी हितधारकों और अल्पांश शेयरधारकों के हितों के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी रखेंगे।" बयान के मुताबिक, टीटीएसएल, एयर एशिया, उद्यमी सी शिवशंकरन से 'बकाए की वसूली', घाटे में चल रही नैनो को बंद नहीं करना, टाटा स्टील यूरोप का समाधान और सभी गंभीर मुद्दों को अपील में शामिल किया जाएगा।

     

Supreet Kaur

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