ग्राहकों की शिकायतों को NCLT से पहले रेरा के पास भेजा जाना चाहिएः बिल्डर
Monday, Nov 04, 2019 - 10:49 AM (IST)
नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर के बिल्डरों ने मांग की है कि दिवाला प्रक्रिया शुरू करने से पहले ग्राहकों की सभी शिकायतों को रियल एस्टेट नियामक रेरा के पास भेजा जाना चाहिए। रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई के मुताबिक, देश भर में लगभग 450 रियल एस्टेट कंपनियों / परियोजनाओं को दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत दिवाला प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह घर खरीदारों को मकान की आपूर्ति में चूक करना और बैंक का कर्ज नहीं चुका पाना है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा अब तक स्वीकार किए गए 450 मामलों में से 80-85 प्रतिशत मामले एनसीआर क्षेत्र के बिल्डरों से जुड़े हैं। क्रेडाई-एनसीआर के प्रवक्ता रोहित राज मोदी ने कहा, "एक घर खरीदार भी रियल एस्टेट डेवलपर के खिलाफ शिकायत लेकर एनसीएलटी के पास पहुंच रहा है। उनकी याचिकाओं को कई मामलों में स्वीकार किया जा रहा है। "उन्होंने कहा कि इनमें से बहुत से मामलों में निवेशकों और सटोरियों की ओर से शिकायत की जा रही है, जो वास्तविक घर खरीदारों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मोदी ने कहा, "सरकार ने जब घर खरीदारों को वित्तीय कर्जदाता घोषित किया था तो उसकी मंशा यह नहीं थी। दिवाला कानून को गलत तरीके से लागू किया जा रहा है।"
क्रेडाई-एनसीआर के कोषाध्यक्ष प्रशांत सोलोमन ने कहा कि रेरा के तहत स्थापित रियल एस्टेट नियामक घर खरीदारों की शिकायतों की सुनवाई के लिए पहले बिंदु के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "जब रेरा है तो ग्राहकों की शिकायत पहले रेरा के पास आनी चाहिए। रेरा दो-तिहाई घर खरीदों की सहमति के बाद इसे एनसीएलटी के पास भेज सकता है।"