इकॉनमी में तेजी से बढ़ रहा करंसी सर्कुलेशन, 21 लाख करोड़ के नोट चलन में

Tuesday, Dec 10, 2019 - 02:31 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः ब्‍लैकमनी रोकने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा के लिए 8 नवंबर 2016 की शाम पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके बाद 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट अवैध हो गए थे। सरकार के इस फैसले की वजह से इकोनॉमी में करंसी सर्कुलेशन भी कम हो गया लेकिन 3 साल बाद एक बार फिर करंसी सर्कुलेशन ने रफ्तार पकड़ ली है।

क्‍या कहा अनुराग ठाकुर ने?
दरअसल, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने सदन को बताया कि मार्च, 2019 तक करंसी सर्कुलेशन 21 लाख करोड़ को पार कर गया है। इससे पहले मार्च 2018 में यह आंकड़ा करीब 18 लाख करोड़ था। वहीं मार्च 2017 में करंसी सर्कुलेशन करीब 13 लाख करोड़ था। जबकि नोटबंदी से ठीक पहले मार्च 2016 में इकोनॉमी में करंसी सर्कुलेशन करीब 16.41 लाख करोड़ था। इसका मतलब ये हुआ कि नोटबंदी के 3 साल के भीतर करंसी सर्कुलेशन में 8 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हो गया है। इस साल मार्च तक करंसी सर्कुलेशन का ये आंकड़ा नोटबंदी से पहले (मार्च 2016) से भी अधिक है।

क्‍या था सवाल? 
पश्चिम बंगाल की उलुबेरिया संसदीय सीट से टीएमसी सांसद साजदा अहमद ने पूछा था कि क्‍या नोटबंदी से पहले की तुलना में नोटबंदी के बाद करंसी सर्कुलेशन में बढ़ोतरी हुई है? इसके साथ ही साजदा अहमद ने इसका ब्‍यौरा भी मांगा था। इसी सवाल के जवाब में अनुराग ठाकुर ने करंसी सर्कुलेशन के आंकड़े पेश किए। इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने नोटबंदी के बाद से जाली नोटों की जब्‍ती का भी ब्‍योरा दिया। इस आंकड़े से मालूम होता है कि सबसे अधिक जाली नोट 200 रुपए के पकड़े गए हैं। हालांकि 2000 रुपए के जाली नोटों की जब्‍ती की संख्‍या में कमी आई है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए कहा था कि आतंकवाद को फंडिंग रोकने, भ्रष्टाचार कम करने और ब्लैकमनी पर लगाम लगाने के लिए ये फैसला लिया गया है। हालांकि इसके बाद साल 2017 में रिजर्व बैंक ने बताया था कि करीब 99 फीसदी नोट वापस मिल गए हैं।
 

jyoti choudhary

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