15 महीने के निचले स्तर 70 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसला कच्चा तेल

Wednesday, Mar 22, 2023 - 02:28 PM (IST)

नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 15 महीने के निचले लेवल पर जा लुढ़का है। ब्रेंट क्रूड ऑयल प्राइस 73 डॉलर प्रति बैरल तो डब्ल्युटीआई क्रूड 67 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है। यहां तक की भारत की सरकारी तेल कंपनियां जो कच्चे तेल आयात करती है तो क्रूड ऑयल के इंडियन बास्केट की की कीमत भी 74 डॉलर प्रति बैरल के करीब है जो जनवरी 2023 के औसत कीमत 80.92 डॉलर प्रति बैरल से 8.50 फीसदी कम है लेकिन हैरानी की बात ये है कि इसके बावजूद सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी कर आम लोगों को अब तक कोई राहत नहीं दी है।

बीते वर्ष 2022 में फरवरी महीने के आखिरी हफ्ते में यूक्रेन पर रूस पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बड़ा उछाल देखने को मिला था। कच्चा तेल 139 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा पहुंचा जो 2008 के बाद क्रूड ऑयल की सबसे ऊंची कीमत थी। इस उछाल के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने लगातार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाए जिसके बाद देश के कई शहरों में पेट्रोल डीजल के दाम 100 रुपए के पार जा पहुंचा था लेकिन खुदरा महंगाई दर में बड़े उछाल के बाद केंद्र सरकार को पेट्रोल पर 8 रुपए प्रति लीटर तो डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करनी पड़ी। हालांकि इस दौरान उच्च स्तरों से कच्चे तेल के दामों में गिरावट भी देखने को मिली थी तो भारत को रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल मिलने लगा लेकिन अब जब 70 डॉलर बैरल के पास दाम आ गिरे हैं तो भी पेट्रोल डीजल के दाम नहीं घट रहे। इसे लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर भी है। भारत राष्ट्र समिति के वर्किंग प्रेसीडेंट के टी रामाराव ने ट्वीट कर महंगे पेट्रोल-डीजल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

सरकार की दलील, तेल कंपनियों को नुकसान

संसद के बजट सत्र में सरकार से कई सांसदों ने कच्चे तेल के दामों में कमी के बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं घटाए जाने को लेकर सवाल पूछे है जिसके जवाब में पेट्रोलियम मंत्री से लेकर पेट्रोलियम राज्यमंत्री ने कहा कि सरकारी तेल कंपनियों ने 6 अप्रैल 2022 के बाद पेट्रोल डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं। पेट्रोलियम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में कहा कि तीनों सरकारी तेल कंपनियां आईओसी, एचपीसीएल और बीपीसीएल को अप्रैल 2022 से लेकर दिसंबर 2022 के बीच 18,622 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि रुपए के टर्म्स में कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) के दामों में 23 फीसदी प्रति बैरल का इजाफा हुआ है जबकि सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम केवल 1.08 फीसदी और डीजल के दाम 3.40 फीसदी ही बढ़ाए हैं। 
 
 

jyoti choudhary

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