ड्रोन अटैकः 1991 के बाद कच्चे तेल की कीमत में सर्वाधिक उछाल, 6 रुपए महंगा हो सकता है पेट्रोल
Tuesday, Sep 17, 2019 - 12:32 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः दुनिया के सबसे बड़े तेल रिफाइनर सऊदी अरब अरामको पर ड्रोन हमले के बाद महज एक ही दिन में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। इसके चलते पेट्रोल और डीजल के दामों में भी इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतें 5-6 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ सकती हैं। 1991 के खाड़ी युद्ध के बाद यह एक दिन में आया सर्वाधिक उछाल है।
कोटक की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उछाल आने के कारण भारत की तेल मार्केटिंग कंपनियां अगामी पखवाड़े में डीजल और पेट्रोल के दाम में पांच से छह रुपए प्रति लीटर की वृद्धि कर सकती हैं।
सऊदी ने भारत के दिया आश्वासन
सऊदी अरामको के धाहरन हेडक्वॉर्टर ने बताया, ''तेल के कुओं पर ड्रोन से हुए हमलों के बाद 5.7 मिलियन बैरल कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इससे आपूर्ति में कमी आ सकती है।'' हालांकि सऊदी तेल मंत्रालय ने भारत को आश्वासन दिया है कि उन्हें होने वाली सप्लाई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में अरामको के तेल संयंत्र पर शनिवार को हुए ड्रोन हमले से सोमवार को वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आग लग गई। लंदन का ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 19.5 फीसदी बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया।
इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को तो नुकसान होगा ही, सुस्ती का पहले से सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी यह बड़ा झटका है। जानकारों का मानना है कि सऊदी अरब के प्लांट में तेल आपूर्ति सामान्य होने में कई हफ्ते लग सकते हैं। इस हमले से करीब 5 फीसदी ग्लोबल सप्लाई पर असर पड़ा है। अगले एक हफ्ते में ही कच्चे तेल की कीमतों में 15 से 20 डॉलर प्रति बैरल की बढ़त हो सकती है।
आयात पर निर्भर है भारत
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आपूर्ति बाधित होने की संभावना को खारिज किया है लेकिन विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अधिक समय तक कीमतें अधिक रहीं तो यह भारत के आर्थिक विकास पर बुरा असर डालेगा क्योंकि यह अपनी जरूरत का 83 फीसदी आयात करता है। इससे करंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ने के साथ जीडीपी ग्रोथ पर दबाव बनेगा और करंसी में भी कमजोरी बढ़ेगी।