भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहराया NPA का संकट

Friday, Mar 23, 2018 - 09:58 AM (IST)

नई दिल्लीः बैंकों के डूबे कर्ज को लेकर चर्चा गर्म है। क्या आपको पता है कि डूबे कर्ज के मामले में भारत दुनिया में किस पायदान पर है। कोटक महिंद्रा बैंक के वाइस चेयरमैन और सी.ई.ओ. उदय कोटक के अनुसार बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में डूबे कर्ज के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है। भारत से आगे ग्रीस और इटली हैं। भारतीय अर्थव्यवस्थाओं में एन.पी.ए. का संकट तेजी से गहरा रहा है। कोटक के अनुसार भारत में बैंकों के डूबे कर्ज की राशि 12 से 14 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है, जो आर.बी.आई. के हालिया दस्तावेज के मुताबिक कुल लोन एसैट्स के 20 प्रतिशत के बराबर है।

निजी क्षेत्र के बैंकों का ऋण बाजार में होगा 50 प्रतिशत हिस्सा
कोटक ने कहा कि पंजाब नैशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद ऋण की समूची वृद्धि में निजी क्षेत्र के बैंकों का योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 4 साल में निजी क्षेत्र के बैंकों का ऋण बाजार में करीब 50 प्रतिशत का हिस्सा हो जाएगा, जो अभी 30 प्रतिशत है।

डिजीटल रणनीति ए.बी.सी.डी. होगी प्रेरित
बैंक की डिजीटल रणनीति के बारे में कोटक ने कहा कि यह ‘ए.बी.सी.डी.’ से प्रेरित होगी। उनका मतलब आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस, बायोमीट्रिक शाखाएं, बेहतर कस्टमर अनुभव और डाटा-सशक्त डिजाइन से था। उनके अनुसार ये इसके मुख्य स्तंभ होंगे।

एस.एम.ई. में अब भी काफी डूबा हुआ कर्ज
छोटे एवं मध्यम कारोबारों (एस.एम.ई.) में अब भी काफी डूबा हुआ कर्ज है। कोटक ने कहा कि इस सैक्टर पर यह दबाव नोटबंदी और जी.एस.टी. के कारण पड़ा। कामकाज को इंसान के बजाय तकनीक से पूरा करने की प्रक्रिया में कई प्रकार की दिक्कतें आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि जब आप बदलाव के दौर में होते हैं तो बीच का रास्ता काफी खतरनाक होता है। इलैक्ट्रोनिक दौर में बदलाव में सावधानी बरतने की जरूरत है।

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