कोर्ट का सरकार से सवाल- दिन में क्यों नहीं दिखाए जा सकते कंडोम के विज्ञापन?

Wednesday, Dec 20, 2017 - 04:03 PM (IST)

जयपुरः सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से कंडोम के विज्ञापनों के समय के निर्धारण को लेकर अब कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।

कोर्ट ने किया सरकार को सवाल
आज राजस्थान हाईकोर्ट में ग्लोबल एलायंस फॉर ह्यूमन राइट्स की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने इस मामले पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कंडोम के विज्ञापनों को पूरे दिन क्यों नहीं दिखाया जा सकता है। याचिकाकर्ता ग्लोबल एलायंस फॉर ह्यूमन राइट्स की जनहित याचिका में कहा गया था कि भारत में जनसंख्या इतनी ज्यादा बढ़ रही है, जिसके प्रति लोगों में जागरुकता लाने के लिए कंडोम के विज्ञापन पूरे दिन चलाए जाने में क्या हर्ज है। यदि कंडोम के विज्ञापन केवल रात में ही दिखाए जाते हैं तो लोगों में पूरी तरह से जागरुकता कैसे आएगी।

कंडोम विज्ञापन पर लगाई थी रोक
गौरतलब है कि गत 11 दिसंबर को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए देश के सभी टीवी चैनलों को कहा था कि कंडोम के विज्ञापन रात में 10 बजे से लेकर सुबह के 6 बजे तक ही दिखाएं। राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इसी एडवाइजरी को चुनौती दी गई है। एडवाइजरी में कहा गया कि कंडोम के विज्ञापन केवल रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही दिखाए जाएं। मंत्रालय ने यह एडवाइजरी इस आधार पर जारी की थी कि ऐसे कुछ विज्ञापन 'अश्लील' होते हैं और इनका बच्चों पर 'बुरा असर' पड़ सकता है। साथ ही सरकार ने तमाम न्यूज चैनल को निर्देश दिए थे कि अगर किसी भी चैनल ने इस नियम को उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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