परियोजना लागत जानबूझ कर ऊंची दिखाने की बुराई से निपटने में मदद करें: कोविंद

Saturday, Jul 14, 2018 - 06:02 PM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज लागत-लेखाकारों का आह्वान किया कि वे व्यावसायिक क्षेत्रों में कपटपूर्ण ढंग से परियोजनाओं की लागत ऊंचा दिखाने (गोल्ड - प्लेटिंग) की बुराई से निपटने में देश की मदद करें। उन्होंने कहा के ऐसे लेखाकारों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्पाद व सेवाएं प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपलब्ध हों और उनकी गुणवत्ता से कोई समझौता भी नहीं किया जाए।

राष्ट्रपति भारतीय लागत-लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लागत लेखाकारों को ऐसी प्रणालियों और प्रक्रियाओं का विकास करना चाहिए ताकि अनावश्यक के खर्चों को कम से कम किया जा सके और ‘खर्च किए गए एक एक रुपया आगे उपयोगी सिद्ध हो।’ उन्होंने कहा, ‘यह लागत लेखाकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वे उत्पादन में अनावश्यक गतिविधियों व लागत को हटाना सुनिश्चित करें। हमारें व्यावसायिक जगत में कभी कभी गोल्ड प्लेटिंग की बुराई दिख सकती है। यह जिम्मेदारी लागत-लेखाकारों की है कि वे इससे से निपटने में मदद करें।’  

कोविंद ने कहा कि इन कदमों से भारत को विश्व स्तरीय उत्पादों के लिए निम्न लागत वाले व प्रतिस्पर्धी विनिर्माण का हब बनाने के राष्ट्रीय प्रयासों में मदद मिलेगी। कारोबार में सामान्यत: गोल्ड प्लेटिंग ऐसी स्थिति को कहा जाता है परियोजना लागत को ऐसे खर्चों के जरिए ऊंचा दिखा दिया जाता है जो टालने लायक होते हैं। और फिर उस लगत की वसूली उपभोक्ताओं से की जाती है। राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि अर्थव्यवस्था के फलने फूलने के साथ ही लागत लेखाकारों की मांग तेजी से बढ़ेगी और यह बढ़ोतरी न केवल निगमित क्षेत्र बल्कि सरकारी संगठनों में भी देखने को मिलेगी। समारोह में कंपनी मामलों के मंत्री पी पी चौधरी भी थे। 

उन्होंने कहा कि लागत लेखाकारों को कंपनियों को पारर्दिशता और सच्चाई के साथ काम करने का पथ प्रदर्शन करना चाहिए। इससे सभी पक्षों का हित सिद्ध होगा। उन्होंने कहा भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि हमारी अर्थव्यवस्था की लागत प्रतिस्पर्धी रहे। इस बीच आईसीएआई द्वारा प्रर्वितत एक कंपनी ने रेलवे के साथ समझौता ज्ञापन किया है। इसके तहत वह रेलवे की लागत प्रणाली का अध्ययन करेगी और सुधार के उपाय सुझाएगी।  

jyoti choudhary

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