''एक महीने में कोरोना वायरस नहीं हुआ खत्म तो आएगी 2008 जैसी मंदी''

Sunday, Mar 22, 2020 - 10:25 AM (IST)

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के कारण ऐसी तस्वीर बन रही है कि वैश्विक मंदी आना तय माना जा रहा है। आर्थिक मामलों के जानकारों और मुख्य वैश्विक रणनीतिकार रुचिर शर्मा का कहना है कि वैश्विक मंदी आनी ही है, 2008 में आई मंदी जैसे हालात बनने लगभग तय हैं। उन्होंने कहा कि अगले एक महीने में कोरोना वायरस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो 2008-09 जैसी वैश्विक आर्थिक मंदी आ जाएगी। हो सकता है इससे भी खराब स्थिति ग्लोबल इकोनॉमी की हो जाए क्योंकि ग्लोबल इकोनॉमी वो नहीं है जो दस-बीस साल पहले थी।

उन्होंने कहा कि 6.5 प्रतिशत की विकास दर से भारत का बढ़ना पहले भी मुश्किल था और अब कोरोना की मार से ग्लोबल इकोनॉमी गिरने की वजह से स्थिति और खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि एक फीसदी ग्लोबल इकोनॉमी कम होने के पूरे आसार हैं।

कोरोना संकट से पहले ग्लोबल इकोनॉमी तीन से चार फीसदी की रेट पर चल रही थी लेकिन अब इसमें एक फीसदी की गिरावट आना निश्चित है। अगर ये दो से तीन फीसदी गिरकर एक फीसदी पर आ जाती है तो इसका सीधा असर भारत की आर्थिक वृद्धि पर भी पड़ेगा।

भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
उन्होंने कहा कि अनुमान लगाया जा रहा था कि 5 से 6 प्रतिशत की दर से भारत की आर्थिक वृद्धि होगी लेकिन ग्लोबल इकोनॉमी के दो से तीन फीसदी गिरने का सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इस स्थिति में भारत के वर्तमान आर्थिक वृद्धि में 2 से 3 फीसदी तक कमी आ सकती है।

बता दें कि दुनियाभर के 186 देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहे हैं। इस संक्रमण के कारण अब तक करीब 12 हजार मौतें हो चुकी हैं। वहीं, भारत में भी हाहाकार मचा हुआ है। अब तक 327 कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं। कई राज्यों में एडवाइजरी भी जारी की गई है।

jyoti choudhary

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