गलत ढंग से किया इंश्योरैंस, कम्पनी देगी हर्जाना

Thursday, Jul 13, 2017 - 11:09 AM (IST)

गुरदासपुर : जिला शिकायत निवारण फोरम ने एक शिकायतकत्र्ता को राहत देते हुए एच.डी.एफ.सी. लाइफ इंश्योरैंस बटाला ब्रांच को आदेश दिया है कि उसकी इंश्योरैंस के रूप में जमा राशि पर 4 प्रतिशत सेविंग बैंक खाता ब्याज व 10,000 रुपए हर्जाने के रूप में शिकायतकत्र्ता को 30 दिन में अदा करे।

यह है मामला
राकेश कुमार पुत्र जोगिन्द्र पाल निवासी बटाला ने फोरम के पास याचिका दायर की थी कि उसका एच.डी.एफ.सी. बैंक शाखा बटाला में बैंक खाता नं. आई.डी. 29366135 चल रहा था। उसने 2 जनवरी, 2012 को बैंक मैनेजर से सम्पर्क कर उसके खाते में से 5 लाख रुपए की एफ.डी. बनाने को कहा परंतु बैंक अधिकारियों ने एच.डी.एफ.सी. लाइफ इंश्योरैंस के पदाधिकारियों से मिलीभगत कर उसके खाते में से एफ.डी. 4 लाख रुपए की बना दी जबकि 1 लाख रुपए की राशि एच.डी.एफ.सी. सेविंग इंश्योरैंस में जमा कर दी जिस संबंधी उसे पॉलिसी नंबर 14829669 जारी की गई।

जब 5 मार्च, 2012 को उसे पॉलिसी मिली तो वह हैरान रह गया तथा उसने एच.डी.एफ.सी. इंश्योरैंस कार्यालय को फोन करके स्पष्ट किया कि उसके हस्ताक्षर करवाए बिना उसकी इंश्योरैंस पॉलिसी कैसे बना दी गई? उसने तब स्पष्ट किया कि वह पॉलिसी जारी नहीं रखना चाहता इसलिए राशि वापस की जाए परंतु इंश्योरैंस कार्यालय ने कहा कि यदि आप अपनी राशि वापस लेना चाहते हैं तो आपको 3 साल तक 99,999 रुपए की किस्तें अदा करनी पड़ेंगी तथा उसके बाद आपको पूरी राशि वापस कर दी जाएगी। शिकायतकत्र्ता ने 3 किस्तें और जमा करवाने के बाद जब 25 जनवरी, 2016 को इंश्योरैंस कार्यालय जाकर लिखित पत्र देकर राशि रिफंड करने की मांग की तो उसे जवाब मिला कि 10 साल किस्तें जमा करवाने के बाद ही राशि वापस हो सकती है। उसके बाद 1 मार्च, 2016 को उसने कम्पनी को लीगल नोटिस भी दिया परंतु कुछ नहीं हुआ।

यह कहा फोरम ने
जिला शिकायत निवारण फोरम के प्रधान नवीन पुरी ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह पाया गया कि शिकायतकत्र्ता राकेश कुमार को गुमराह कर उसकी इंश्योरैंस की गई थी तथा बैंक अधिकारियों ने भी गलत ढंग से यह इंश्योरैंस राशि ट्रांसफर की थी। इस पर इंश्योरैंस कम्पनी को आदेश दिया गया है कि वह फोरम के आदेश की कापी मिलने के 30 दिन के अंदर शिकायतकत्र्ता को जमा राशि 4 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करे तथा 10,000 रुपए हर्जाना भी अदा करे। यदि शिकायतकत्र्ता को निर्धारित समय में राशि वापस नहीं की जाती तो यह राशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित वापस करनी होगी।
 

Advertising