50 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियां ग्राहक से नहीं वसूलेंगी MDR चार्जेस

Saturday, Oct 19, 2019 - 11:10 AM (IST)

नई दिल्लीः कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार कई अहम कदम उठा रही है। इसी के तहत सालाना 50 करोड़ रुपए से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारी संस्थानों को अपने ग्राहकों को 1 नवंबर से पेमेंट का इलेक्ट्रॉनिक मोड मुहैया कराना अनिवार्य होगा। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा, ग्राहक या मर्चेंट्स से इसके लिए कोई शुल्क या मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं वसूलना होगा।

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने किया था ऐलान
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 50 करोड़ रुपए से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी संस्थानों को अपने ग्राहकों को कम लागत वाले भुगतान के डिजिटल मोड की पेशकश करनी चाहिए और ट्रांजैक्शंस पर आने वाली लागत को आरबीआई तथा बैंकों को वहन करना चाहिए।

1 नवंबर से नियम होगा प्रभावी
इस घोषणा के बाद आयकर अधिनियम के साथ-साथ पेमेंट ऐंड सेटलमेंट सिस्टम्स ऐक्ट 2007 में संशोधन किया गया। सीबीडीटी ने एक सर्कुलर में कहा है कि नए प्रावधान आगामी एक नवंबर, 2019 से प्रभाव में आएंगे। सीबीडीटी ने उन बैंकों तथा पेमेंट सिस्टम्स प्रोवाइडर्स से आवेदन भी आमंत्रित किए हैं, जो इसके लिए इच्छुक हैं कि उनके पेमेंट सिस्टम्स को इस उद्देश्य के लिए सरकार इस्तेमाल कर सकती है।

Supreet Kaur

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