रियल एस्टेट क्षेत्र में अगले छह महीने के लिए वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं कंपनियां

Friday, Nov 03, 2023 - 05:35 PM (IST)

नई दिल्लीः जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियां और वित्तीय संस्थानों की रियल एस्टेट क्षेत्र में अगले छह महीने की वृद्धि की संभावनाओं को लेकर उम्मीदें कुछ बढ़ी हैं। नाइट फ्रैंक- नारेडको धारणा सूचकांक के अनुसार, उनकी इस धारणा का कारण त्योहारों के दौरान मांग बढ़ना और देश की आर्थिक वृद्धि है। रियल एस्टेट क्षेत्र के बारे में परामर्श देने वाली नाइट फ्रैंक और रियल एस्टेट कंपनियों का प्रमुख निकाय नारेडको ने शुक्रवार को ‘2023 की तीसरी तिमाही में रियल एस्टेट धारणा सूचकांक' रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट रियल एस्टेट कंपनियों और वित्तीय संस्थानों की क्षेत्र के बारे में राय पर आधारित है। 

इस रिपोर्ट में रियल एस्टेट क्षेत्र, आर्थिक माहौल और कोष उपलब्धता के प्रति वर्तमान और भविष्य की धारणाओं को दिखाया गया है। इस रिपोर्ट में 50 का अंक एक तटस्थ दृष्टिकोण या यथास्थिति बताता है वहीं 50 से ऊपर का स्कोर सकारात्मक भावना को दर्शाता है और 50 से नीचे का अंक नकारात्मक धारणा को दर्शाता है। संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम एशिया में अचानक संघर्ष शुरू होने और राष्ट्रों के बीच बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के कारण मौजूदा धारणा अंक जून, 2023 तिमाही के 63 से घटकर सितंबर तिमाही में 59 रह गया है। 

परामर्श कंपनी ने कहा, “हालांकि भविष्य धारणा सूचकांक में 64 से 65 तक की मामूली बढ़ोतरी देखी गई। इसका कारण त्योहारों के दौरान अपेक्षित अच्छी मांग के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि बनी रहने की उम्मीद है जिससे अगले छह महीनों के दौरान क्षेत्र को गति मिलने की आशा है।'' वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बढ़ते दबाव के बीच खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी और स्थिर ब्याज दर ने ‘रियल एस्टेट डेवलपर' और वित्तीय संस्थानों (बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों आदि) को क्षेत्र को लेकर अधिक भरोसा दिया है। 

नारडेको के अध्यक्ष हरि बाबू ने कहा, “हालिया भू-राजनीतिक अस्थिरता के परिणामस्वरूप मौजूदा धारणा सूचकांक में मामूली गिरावट देखी गई है, लेकिन मजबूत भविष्य धारणा सूचकांक भारतीय रियल एस्टेट उद्योग की क्षमता में स्थायी विश्वास को दर्शाता है।” नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “विकसित अर्थव्यवस्थाओं में संघर्षों और उच्च मुद्रास्फीति के कारण उपजे अनिश्चित वैश्विक आर्थिक माहौल के बावजूद, भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूती दिख रही है। निकट अवधि की मुद्रास्फीति धारणा में सुधार और मजबूत आर्थिक गतिविधियों ने रियल एस्टेट सहित सभी क्षेत्रों के लिए उपभोक्ता और व्यावसायिक धारणा में सुधार किया है।”

jyoti choudhary

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