लॉकडाउन में काम शुरू करने के लिए कंपनियों को नहीं मिल रहे मजदूर, कच्चे माल की कमी ने भी बढ़ाई समस्या
Sunday, Apr 26, 2020 - 03:52 PM (IST)
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई सेक्टरों की कंपनियों को कामकाज शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा कई राज्यों की सरकारों ने भी आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद कंपनियां अपना कामकाज शुरू नहीं कर पा रही हैं। कंपनियों के सामने अब कामकाज शुरू करने के लिए मजदूरों की कमी और कच्चे माल की समस्या पैदा हो गई है। यह खुलासा कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के एक देशव्यापी सर्वे में हुआ है।
सीआईआई ने लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए विभिन्न क्षेत्रों और साइज की कंपनियों की हकीकत जानने के लिए यह सर्वे किया है। सर्वे में शामिल 39 फीसदी उत्तरदाताओं ने माना कि कामकाज शुरू करने में बाधा आ रही है और कच्चे माल और तैयार माल के आवागमन में देरी हो रही है। 23 फीसदी ने कहा कि ऑपरेशन शुरू करने के लिए माल की उपलब्धता नहीं है। सर्वे में शामिल केवल 15 फीसदी ने माना कि सामान का आवागमन समय पर हो रहा है। 42 फीसदी ने माना कि कर्मचारियों का पास देने में देरी हो रही है या फिर पास उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसी तरह से सर्वे में शामिल दो-तिहाई ने माना कि कर्मचारियों को फैक्ट्री से घर और घर से फैक्ट्री परिवहन भी एक बड़ा मुद्दा है।
सर्वे में सामने आया है कि 58 फीसदी कंपनियों के पास काम करने के लिए 25 फीसदी से कम कर्मचारी उपलब्ध हैं। वहीं केवल 10 फीसदी के पास ही कर्मचारियों की संख्या आधे से ज्यादा है। सीआईआई ने कहा है कि इससे निष्कर्ष निकलता है कि कंपनियां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह से पालन कर रही हैं। सीसीआई का सर्वे कहा है कि कंपनियों को ऑपरेशन शुरू करने में मजदूरों का वापस लाना सबसे ज्यादा क्रिटिकल है। सर्वे में शामिल अधिकांश कंपनियां ने माना कि गृह मंत्रालय की ओर से 15 और 16 अप्रैल को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कारोबार शुरू करने के लिए जारी की गई गाइडलाइंस की जानकारी राज्य सरकारों ने स्पष्ट रूप से दे दी है।