आम आदमी कंगाल, सरकार मालामाल

Monday, Sep 25, 2017 - 09:35 AM (IST)

नई दिल्ली: एक और जहां अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में कमी आ रही है, वहीं देश में पैट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में इजाफा हो रहा है। इससे आम आदमी कंगाल हो रहा है, मगर सरकार मालामाल हो रही है। कई बार अप्रत्यक्ष करों में की गई बढ़ौतरी से सरकार के खजाने में बीते वित्तीय वर्ष में 2.67 लाख करोड़ रुपए की रकम आई है। यह अपने आप में रिकॉर्ड है। राजस्व विभाग के अधीन आने वाले डायरैक्टोरेट जनरल ऑफ  सिस्टम एंड डाटा मैनेजमैंट (डी.जी.एस.डी.एम.) द्वारा मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सामाजिक कार्यकत्र्ता चंद्रशेखर गौड़ को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि पैट्रोलियम उत्पादों पर अधिरोपित किए गए अप्रत्यक्ष करों (केंद्रीय उत्पाद और आयात व सीमा शुल्क) से सरकार को भारी आमदनी हुई है।

डीजल से मिला राजस्व 6 गुना बढ़ा
विभाग द्वारा दिए गए बीते 5 वर्षों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि पैट्रोलियम उत्पादों पर लगाए गए अप्रत्यक्ष करों (केंद्रीय उत्पाद और आयात व सीमा शुल्क) से सरकार की आमदनी लगभग 3 गुना हो गई है। पहले पैट्रोल से मिलने वाला राजस्व अधिक था और डीजल का राजस्व कम। अब स्थिति ठीक उलट है, इन आंकड़ों से महंगाई बढऩे की वजह का खुलासा भी होता है क्योंकि डीजल से मिला राजस्व 2012-13 के मुकाबले 2016-17 में लगभग 6 गुना है। खेती, उद्योग, परिवहन में पैट्रोल के मुकाबले डीजल का इस्तेमाल अधिक होता है, लिहाजा डीजल के दाम बढ़ेंगे तो महंगाई बढ़ेगी ही। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को पैट्रोलियम उत्पादों को भी जी.एस.टी. के दायरे में लाना चाहिए जो तर्कसंगत होगा और आम उपभोक्ता को लाभ होगा। साथ ही ऐसा मैकेनिज्म विकसित करना चाहिए कि जब पैट्रोलियम उत्पादों के दाम एक सीमा से ऊपर जाने लगें तो कर की दरों में स्वत: कमी आने लगे। इससे उपभोक्ता पर अनावश्यक भार नहीं पड़ेगा।

जल्द नीचे आएंगे पैट्रोल- डीजल के दाम
पैट्रोल- डीजल के दाम में हाल में आई तेजी की वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढऩा नहीं, बल्कि अमरीका में आया तूफान है। अमरीका में हाल में आए तूफान के कारण विश्व बाजार में पैट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़े। इसके अलावा पैट्रोलियम पदार्थों पर उत्पाद शुल्क और वैट की ऊंची दर से भी ईंधन महंगा है। पैट्रोलियम क्षेत्र के विशेषज्ञों ने यह बात कही। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में स्थिति सामान्य होने के साथ यहां भी दाम नीचे आएंगे। जानकारों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले कुछ समय से 50 से 55 डालर प्रति बैरल के दायरे में ही हैं जो कच्चे तेल के लिहाज से उसके दाम का सामान्य से नीचे का स्तर है। इंडियन आयल कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन आर.एस. बुटोला ने कहा, ‘‘अमरीका में तूफान से वहां रिफाइनरी उत्पादन ठप्प पड़ गया। अमरीका में करीब 2 करोड़ बैरल प्रतिदिन उत्पादन क्षमता की रिफाइनरीज हैं। इनसे घरेलू खपत के साथ पैट्रोलियम उत्पादों का निर्यात भी किया जाता है। तूफान की वजह से इसमें से 30 से 40 लाख टन उत्पादन क्षमता प्रभावित हुई।

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