कॉफी निर्यात मामूली गिरावट के साथ 3,00,522 टन

Friday, Oct 23, 2015 - 11:37 AM (IST)

नई दिल्ली: कॉफी बोर्ड के अनुसार कई कारणों से भारत का कॉफी निर्यात विपणन वर्ष 2014-15 में मामूली गिरावट के साथ 3,00,522 टन रह गया। इन कारणों में कॉफी की वैश्विक कीमतों में गिरावट आना भी शामिल है। पिछले वर्ष 3,03,250 टन का निर्यात हुआ था। 

कॉफी विपणन वर्ष अक्तूबर से लेकर सितंबर महीने तक का होता है। कॉफी बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "वर्ष 2014-15 के दौरान कॉफी के निर्यात में मामूली कमी आई थी। भारतीय कॉफी किस्मों की वैश्विक मांग होने के बावजूद कई वैश्विक तथ्यों ने व्यापार फैसलों को प्रभावित किया।" बोर्ड के आंकड़ों में दर्शाया गया है कि मात्रा के स्तर पर हालांकि निर्यात में मामूली गिरावट आई है लेकिन विपणन वर्ष 2014-15 में मूल्य के संदर्भ में निर्यात बढ़कर 5,142 करोड़ रुपए का हो गया है जो पिछले वर्ष 4,920 करोड़ रुपए का था। प्रति इकाई मूल्य प्राप्ति वर्ष 2014-15 में बढ़कर 1,71,105 रुपए प्रति टन हो गया जो पूर्व वर्ष में 1,62,255 रुपए प्रति टन था।

अधिकारी ने कहा कि कॉफी की वैश्विक कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव तथा ब्राजील, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे कई देशों में अमरीकी डॉलर के मुकाबले इन देशों की मुद्राआें में गिरावट के कारण व्यापार प्रभावित हुए। अधिकारी ने कहा कि चीन तथा कई अन्य देशों में अर्थव्यवस्था के विकास की गति मंद होने तथा इसका अन्य अर्थव्यवस्थाआें पर होने वाले प्रभावों को लेकर चिंताएं थीं। उन्होंने कहा कि अमरीकी डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने से भी भारत का कॉफी निर्यात प्रभावित हुआ।  

भारत ''इंस्टेन्ट कॉफी'' के अलावा अरबिका और रोबस्टा दोनों कॉफी किस्मों का निर्यात करता है। अरबिका कॉफी की हल्की किस्म है लेकिन इसके बीज के अधिक सुगंधित होने के कारण बाजार में इसकी कीमत रोबस्टा किस्म के बीन के मुकाबले अधिक है। भारतीय कॉफी के निर्यात का महत्वपूर्ण गंतव्य जर्मनी, तुर्की, रूसी महासंघ और बेल्जियम के अलावा कई अन्य देश हैं। कॉफी बोर्ड के पहले अनुमान के अनुसार विपणन वर्ष 2015-16 में देश का कुल कॉफी उत्पादन 3,55,600 टन होने का अनुमान लगाया गया है जबकि वर्ष 2014-15 में वास्तविक उत्पादन 3,27,000 टन का हुआ था। 

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