बिजली घरों के समक्ष फिर कोयले की समस्या

Monday, Feb 26, 2018 - 05:44 PM (IST)

नई दिल्लीः ऐसा लगता है कि बिजली क्षेत्र एक बार फिर कोयले की कमी का सामना कर रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 46 बिजली घरों में कोयले का भंडार एक सप्ताह से भी कम का है। 

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा नजर रखे जाने वाले 113 बिजली संयंत्रों में 22 फरवरी की स्थिति के अनुसार छह में बिजली उत्पादन के लिए कोयला भंडार एक भी दिन के लिए नहीं था जबकि 8 संयंत्रों में केवल एक दिन का भंडार था। उद्योग सूत्रों ने कहा कि पिछले वर्ष मानसून के समय से कोयले की आपूर्ति नहीं सुधरी है। उस समय कई बिजली घरों में कोयले की भारी कमी थी।         

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष सितंबर में एनर्जी एक्सचेंज में जब बिजली कीमत 11 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गई तब बिजली, कोयला और रेलवे मंत्रालयों ने कोयले की आपूर्ति में सुधार को लेकर कई उपाय किए। सीईए की रिपोर्ट के अनुसार कोयला खानों से दूर ऐसे 12 बिजली संयंत्र हैं जो कोयले की अति गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं। इन संयंत्रों में 4 दिन से भी कम समय का कोयला बचा है। इसके अलावा 6 बिजलीघर ऐसे हैं जिनके पास कोयले का भंडार 7 दिन से भी कम है। कुल मिलाकर 46 बिजली घरों में एक सप्ताह से कम का कोयला बचा है। इन संयंत्रों में बदरपुर, बठिंडा और पंकी बंद हैं।          

बिजली खपत में वृद्धि के आधार पर आधिकारिक अनुमान के अनुसार 2018-19 में 61.5 करोड़ टन कोयले की आवश्यकता होगी। इसका मतलब है कि कोल इंडिया से कोयले के 288 रैक की प्रतिदिन जरूरत होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 274 रैक की लोडिंग योजना के विपरीत कोल इंडिया 3 जनवरी से 22 जनवरी तक औसतन 259 रैक प्रतिदिन कोयले की आपूर्ति कर रही थी।  

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