Citibank भारत में समेटेगी अपना कारोबार, जानिए कर्मचारियों और खाताधारकों का क्या होगा?

Friday, Apr 16, 2021 - 12:04 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका के प्रमुख वित्तीय संस्थान सिटीबैंक ने गुरुवार को भारत में उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से बाहर निकलने की घोषणा की। सिटीबैंक ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कुल 13 देशों से उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से निकलने की घोषणा की है। बैंक ने वैश्विक रणनीति के तहत यह कदम उठाया है। बैंक के इस कारोबार में क्रेडिट कार्ड, खुदरा बैंकिंग, आवास ऋण और संपत्ति प्रबंधन शामिल हैं।  

बैंकिंग कारोबार में करीब 4,000 कर्मचारी
सिटीबैंक की देश में कुल 35 शाखाएं हैं और उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार में करीब 4,000 कर्मचारी काम करते हैं। सिटीबैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशु खुल्लर ने कहा है कि इस फैसले का भारत में बैंक के ऑपरेशंस और बैंक के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं होगा यानी बैंक के कर्मचारी काम करते रहेंगे और साथ ही बैंक अपने सभी क्लाइंट को पहले की तरह ही सेवाएं देता रहेगा।

अब सिर्फ संपन्न देशों पर ही फोकस
भारत में रीटेल बैंकिंग से बाहर निकलने के फैसले पर Citibank ने कहा कि ये उसकी वैश्विक रणनीति का हिस्सा है। सिटी बैंक ने ग्लोबल लेवल पर यह फैसला किया है कि वह 13 मार्केट में अपने कारोबार से बाहर निकल जाएगी। Citibank अब सिर्फ कुछ संपन्न देशों पर ही फोकस करेगी।

1902 में भारत आया था सिटीबैंक
सिटी इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव आशु खुल्लर ने कहा कि हमारे ऑपरेशंस में तत्काल कोई बदलाव नहीं आया है और इस घोषणा से हमारे साथियों पर तत्काल कोई असर नहीं होगा। हम अपने ग्राहकों की समान भाव से सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आज की घोषणा से बैंक की सेवाएं और मजबूत होंगी। संस्थागत बैंकिंग कारोबार के अलावा, सिटी अपने मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई और गुरुग्राम केंद्रों से वैश्विक कारोबार पर ध्यान देता रहेगा। सिटी को वित्त वर्ष 2019-20 में 4,912 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 4,185 करोड़ रुपए था। सिटीबैंक ने 1902 में भारत में प्रवेश किया था और 1985 में बैंक ने कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस शुरू किया था।

jyoti choudhary

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