Facebook के सह-संस्थापक ने जुकरबर्ग पर लगाए आरोप, कहा- कंपनी को तोड़ने का समय आ गया

Friday, May 10, 2019 - 12:18 PM (IST)

न्यूयॉर्कः फेसबुक के सह-संस्थापक और मार्क जुकरबर्ग के कभी रूममेट रहे क्रिस ह्यूज ने दुनिया के लबसे बड़े सोशल मीडिया नेटवर्क को तोड़ने की बात कही है। क्रिस ने गुरुवार को न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में लिखे अपने एक लेख में इसका जिक्र किया। ह्यूज ने चेताया है कि कंपनी के हेड मार्क जुकरबर्ग जरूरत से ज्यादा ताकतवर हो गए हैं। इसलिए अब फेसबुक का टूटना जरूरी है। ह्यूज ने आरोप लगाया कि फेसबुक अपनी प्रतियोगी कंपनियों को या तो खरीद लेता है या फिर उनकी नकल कर लेता है ताकि सोशल मीडिया के क्षेत्र में उसका वर्चस्व बना रहे। इससे निवेशक भी किसी प्रतिद्वंदी कंपनी में पैसा नहीं लगाते, क्योंकि उन्हें पता है कि वह ज्यादा दिन तक नहीं टिकेंगे।

एक दशक पहले फेसबुक छोड़ चुके ह्यूज
जुकरबर्ग और क्रिस ह्यूज ने ही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 2004 में दो अन्य दोस्तों के साथ मिलकर फेसबुक शुरू किया था। हालांकि, करीब 10 साल पहले ह्यूज ने खुद को कंपनी से अलग कर लिया था। फिलहाल वह अमेरिका में इकोनॉमिक सिक्योरिटी प्रोजेक्ट नाम के संगठन से जुड़े हैं। यह संगठन देश में यूनिवर्सल बेसिक इनकम लागू करने की मांग उठा रहा है। 

जुकरबर्ग का प्रभाव हैरान करने वाला
न्यूयॉर्क टाइम्स के संपादकीय में ह्यूज ने आरोप लगाया कि फेसबुक को बढ़ावा देने के लिए यूजर्स की सिक्योरिटी और सभ्यता के साथ भी समझौता किया। उन्होंने कहा, “जुकरबर्ग का दुनिया पर प्रभाव हैरान करने वाला है। वे सिर्फ फेसबुक ही नहीं बल्कि इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप पर भी नियंत्रण रखते हैं। कंपनी का बोर्ड भी एक सलाहकार समिति की तरह काम करता है, न कि अपने हेड के कामों पर नजर रखने वाले के तौर पर।”

फेसबुक के दुनिया भर में 2 बिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं। इसके साथ ही व्हाट्सएप, मैसेंजर और इंस्टाग्राम के 1 बिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं। फेसबुक ने इंस्टाग्राम को 2012 में और व्हाट्सएप को 2014 में खरीदा था।

अमेरिकी सरकार को फेसबुक को तोड़ देना चाहिए
क्रिस ह्यूज ने कहा कि फेसबुक की ताकत कम करने के लिए अमेरिकी सरकार को दो चीजें करनी चाहिए। पहली की वह फेसबुक का एकाधिकार खत्म करे और इसे नियम के मुताबिक चलाए ताकि इसे अमेरिकियों के प्रति ज्यादा जवाबदेह बनाया जा सके। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप को फेसबुक से अलग करे और कंपनी के किसी भी तरह के नए अधिग्रहण को कुछ सालों के लिए रोक दे। इससे फेसबुक को फायदा ही होगा और वह नई तकनीक में निवेश कर काफी फायदा पा सकेगा। 
 

jyoti choudhary

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