भारत ने एंटीगुआ से कहा, बिना रेडकॉर्नर नोटिस हो चोकसी की गिरफ्तारी

Monday, Aug 27, 2018 - 01:17 PM (IST)

नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक मेहुल चोकसी मामले में जांच एजेंसियों की लापरवाही से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) नाराज है। प्रधानमंत्री कार्यालय की नाराजगी के चलते जांच एजेंसियो में हडकंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि इसी के कारण सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) ने एंटिगुआ सरकार पर गिरफ्तारी का दवाब बनाया है।

रेड कार्नर नोटिस जरूरी नहीं
भारत की ओर से एंटिगुआ से आग्रह किया गया है कि वह उसे गिरफ्तार करें और भारत को सौंपने की प्रक्रिया शुरू करें। भारतीय एजेंसियों की ओर से कहा गया है कि मेहुल चोकसी को गिरफ्तार करने या फिर उसे भारत को सौंपने के लिए किसी तरह के रेड कॉर्नर नोटिस की जरूरत नहीं है। ऐसे में ये वाजिब होगा कि उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। इस सिलसिले में विदेश मंत्रालय के जरिए सीबीआई ने एंटिगुआ प्रशासन को पत्र भेजा है। वहीं एंटिगुआ ने आरसीएन की देरी पर भी सवाल उठाए हैं।

गौरतलब है कि कुछ ही समय पहले एंटिगुआ की सरकार ने इस बात की पुष्टि की थी कि मेहुल चोकसी उनके देश में ही है और उसे वहां की नागरिकता भी मिल चुकी है।

क्या है मामला
बता दें कि करीब 13 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी हैं। नीरव मोदी और मेहुल दोनों फरार हैं। नीरव के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है, जबकि मेहुल के खिलाफ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।

मेहुल चोकसी को कई बार भारतीय एजेंसियों के द्वारा समन जारी किया जा चुका है। हालांकि, हर बार उसने भारत आने में असमर्थता जाहिर की है। चोकसी ने कहा है कि अगर वह भारत आता है, तो उसके साथ लिंचिंग हो सकती है।

jyoti choudhary

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