चीनी सामान बेचने वालों का निकला दिवाला

Tuesday, Oct 18, 2016 - 11:40 AM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय विक्रेताओं ने चीन निर्मित सामानों के लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है। इस वजह से चीनी सामान विक्रेताओं का दिवाला निकल गया है। चीनी विक्रेताओं का कहना है कि नए चलन से उनका 30 फीसदी बाजार ठप्प हो गया है। 

चीनी सामान बेचने वाले राजधानी के बड़े बाजारों सदर बाजार, भागीरथ प्लेस, चावड़ी बाजार, करोल बाग, चांदनी चौक, किनारी बाजार में इस बार भारतीय सामान ही दिखाई दे रहा है। हर साल चीनी झालरों और लड़ियों से सजी रहने वाली दुकानों पर कोलकाता, दिल्ली और अन्य राज्यों से बनाई जा रही झलरें टंगी दिखाई दे रही है।

25 फीसदी तक घट गई है बिक्री
चीनी सामानों के बहिष्कार का असर बाजार में दिखने लगा है। बहिष्कार की बात सामने आने के बाद चीनी सामानों की बिक्री 25 फीसदी तक कम हो गई है। चीनी सामानों के बदले लोग भारतीय ब्रांड में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। चीनी एलईडी, पंखे, इंडक्शन, क्रॉकरी, मिक्सर की बिक्री घटी है। व्यापारियों का मानना है कि दिवाली पर सजावट के सामानों की बिक्री भी घट सकती है।

थोक व्यापारियों के पास अब विकल्प नहीं
दिवाली से पहले चीनी सामानों का स्टॉक कर चुके थोक व्यापारियों के पास कोई विकल्प नहीं बचा। बड़े शहरों से मंगाए गए चीनी सामान वापस नहीं होंगे। व्यापारियों ने जो किया वो भी वापस नहीं मिलेगा। दीप पर्व के लिए भारतीय सामान खरीदने की व्यापारी और पूंजी लगाने की स्थिति में नहीं हैं।

विरोध बढ़ा तो जेब ढीली करेगी दिवाली
चीनी सामानों का विरोध बढ़ा तो लोगों के लिए इस साल की दिवाली महंगी हो सकती है। घरों में सजावट और तरह-तरह के गिफ्ट आइटम खरीदने के लिए महंगी कीमत चुकानी पड़ेगी। चीनी सामानों के थोक व्यापारियों का कहना है कि दिवाली पर सजावट में लगने वाले झालर व अन्य सामान बहुत सस्ते हैं।

Advertising