चीनी कम्पनी हुवावे और ZTE पर भारत में प्रतिबन्ध लगे, CAIT ने उठाई मांग

Tuesday, Aug 11, 2020 - 05:18 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच दूरसंचार क्षेत्र में आने वाली 5जी तकनीक में भी चीनी कंपनियों को नहीं घुसने देने की मांग उठने लगी है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने आज की केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से यह मांग की है। संगठन का कहना है कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और डाटा सुरक्षा के लिए यह प्रतिबन्ध बेहद आवश्यक है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने कहा कि चीन के हुवावे एवं जेडटीई कॉरपोरेशन को भारत में 5जी नेटवर्क रोलआउट में भाग लेने पर प्रतिबंध तो लगाना चाहिए ही। इसके साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि इन दोनों चीनी कम्पनियों की तकनीक और उनके उपकरणों को किसी भी कंपनी द्वारा 5G नेटवर्क रोलआउट में इस्तेमाल नहीं हो।

भरतिया के मुताबिक, यह पता चला है कि हुवावे और जेडटीई, दोनों चीनी कंपनियों ने भारत में रोल आउट किए जाने के लिए 5जी नेटवर्क के बुनियादी ढांचे में भाग लेने के लिए आवेदन दिया है। बीते जून में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का हवाला देते हुए कैट ने कहा कि यदि चीनी कम्पनियों को यह अनुमति दी जाती है तो वे निश्चित रूप से 5जी नेटवर्क के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर बनाने के अवसर को हड़पने का एक मौक़ा होगा। यह कदम भारतीय दूरसंचार क्षेत्र पर चीनी कम्पनियों का लगभग क़ब्जा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसके उलट यदि प्रतिबंध लगा दिया जाता है तो भारतीय कम्पनियों को अपनी टेक्नोलोजी का उचित उपयोग करने का मौमा मिलेगा।

कैट ने कहा कि रेलवे, राजमार्ग, मेट्रो परियोजनाओं सहित कुछ क्षेत्र में चीनी कंपनियों के साथ अनुबंधों को रद्द करने के लिए सरकार द्वारा कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं। यह निश्चित रूप से भारत के लोगों की चीन के प्रति भावनाओं के उबाल का सम्मान है। इसी तर्ज पर कैट ने रविशंकर प्रसाद से भारत में 5G नेटवर्क रोलआउट में भाग लेने के लिए हुवावे और जेडटीई कारपोरेशन को अनुमति न देने की मांग की है।
 

jyoti choudhary

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