चीन बना दूसरा सबसे बड़ा रत्नाभूषण आयातक!

Friday, Jun 02, 2017 - 02:48 PM (IST)

नई दिल्लीः यूरोपीय संघ की मांग में मंदी और संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) की सरकार द्वारा आयात शुल्क लगाए जाने से ऐसा हुआ है। भारत से कीमती धातुओं व जवाहरात के निर्यात के अन्य गंतव्य ये दोनों ही रहे हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा एकत्रित आंकड़े दर्शाते हैं कि 2016-17 में चीन को किया जाने वाला भारत का रत्नाभूषण निर्यात आश्चर्यजनक रूप से 24.48 प्रतिशत बढ़कर 2.48 अरब डॉलर पहुंच गया है। रत्नाभूषण को बढ़ावा देने वाली इस क्षेत्र की प्रमुख संस्था रत्नाभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के कार्यकारी निदेशक सब्यसाची रॉय कहते हैं कि अमरीका के बाद चीन विश्व में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसलिए इस देश को अपना रत्नाभूषण निर्यात क्यों न बढ़ाएं?

अपने निर्यात में इजाफे के लिए हमने कई अवसरों पर द्विपक्षीय व्यापारिक सम्मेलन किया जिसमें हीरों के गहनों के भारतीय विनिर्माताओं के साथ क्रेता-विक्रेता की मुलाकात भी शामिल है। इसलिए चीन को किए जाने वाले आभूषणों की बिक्री में इजाफे की उम्मीद थी। आने वाले कुछ और महीनों में तो हमें 100 प्रतिशत वृद्धि का मौका नजर आ रहा है। हालांकि वित्त वर्ष 2017 में रत्नाभूषण की कुछ किस्मों (खासतौर पर 1,000 डॉलर से अधिक मूल्य वाले महंगे गहनों) के सौदे अमरीका में किए गए थे, इससे अमरीका ने भारत के रत्नाभूषण निर्यात में अपना 40 प्रतिशत योगदान जारी रखा है। 

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