बैंक खाता बंद करवाने पर भी देने पड़ते हैं चार्जिज

Friday, Dec 29, 2017 - 04:42 AM (IST)

जालंधर(अमित): पिछले कुछ समय से अधिकतर बैंक खाताधारकों द्वारा इस बात को लेकर अक्सर शिकायत की जाती है कि बैंकों ने अपने चाॢजज पहले की अपेक्षा बहुत अधिक बढ़ा दिए हैं। 

खासतौर पर एवरेज बैलेंस मैंटीनैंस चार्ज की बात की जाए तो इसे लेकर लगभग हर खाताधारक ही शिकायत कर रहा है मगर शायद ही अधिकतर लोगों को इस बात का पता होगा कि अगर आप अपना बैंक खाता एक तय अवधि से पहले बंद करवा देते हैं तो उस सूरत में भी बैंक आपसे चार्ज वसूलता है। आम तौर पर खाता खोलने के एक साल के अंदर अगर उसे बंद करवाया जाता है तो बैंक यह चार्ज लेते हैं जिसे बैंक अकाऊंट क्लोजिंग चार्ज कहा जाता है। यानी कि तय अवधि से पहले बैंक खाता बंद करने से गुरेज करना चाहिए। 

एस.बी.आई. ने किए हैं कुछ बदलाव
इसी साल 1 अक्तूबर से देश के सबसे बड़े बैंक एस.बी.आई. ने अपने बैंक अकाऊंट क्लोजिंग चार्ज में बदलाव किया है। अगर आपका एस.बी.आई. में खाता है और आप एक साल के बाद अपना खाता बंद करवाते हैं तो बैंक आपसे कोई चार्ज नहीं लेगा जबकि इससे पहले 500 रुपए का शुल्क वसूला जाता था। अगर आप खाता खोलने के एक साल के अंदर अपना खाता किसी भी कारण से बंद करवाना चाहते हैं तो आपको 500 रुपए का शुल्क बतौर बैंक अकाऊंट क्लोजिंग चार्ज चुकाना होगा। मौजूदा समय में अगर किसी व्यक्ति के निधन की वजह से खाता बंद होता है तो उससे कोई शुल्क नहीं वसूला जाता जबकि पहले ऐसे मामलों में भी शुल्क लिया जाता था। अगर आपका बेसिक सेविंग अकाऊंट है और आप उसे बंद करना चाहते हैं तो आप बैंक अकाऊंट क्लोजिंग चार्ज से बच जाएंगे।

अगर आपने नया खाता खोला है और 14 दिन के अंदर ही आप उसे बंद करवा देते हैं तो बैंक कोई पैसा नहीं लेता। अगर आपका करंट अकाऊंट है और आप उसे 14 दिन की अवधि के बाद बंद करवाते हैं तो आपको 1000 रुपए बतौर बैंक अकाऊंट क्लोजिंग चार्ज देने होगा। अधिकतर बैंक 500 से 1000 रुपए के बीच बैंक अकाऊंट क्लोजिंग चार्ज वसूल रहे हैं। अधिकतर बैंक अकाऊंट क्लोजिंग चार्ज इसलिए वसूलते हैं ताकि वे किसी भी खाते को खोलने में आई लागत जैसे कि वैलकम-किट, चैकबुक, डैबिट कार्ड आदि पूरी कर सकें। 

एक से अधिक खाते खोलने से करें गुरेज
आमतौर पर देखने में आता है कि बहुत से लोगों ने एक से अधिक खाते खोल रखे हैं। कई बार अपने किसी परिचित बैंक अधिकारी को खुश करने या एक से दूसरी जगह जॉब ट्रांसफर होने पर दूसरा बैंक खाता खुलवाया जाता है। ऐसे में एवरेज बैलेंस के तौर पर हर खाते में पैसा रखना पड़ता है। इतना ही नहीं, लगभग हर बैंक खाते के साथ मिलने वाले डैबिट कार्ड या चैक बुक आदि के चार्ज भी अलग से चुकाने पड़ते हैं। इसके अलावा अन्य सुविधाओं जैसे कि एस.एम.एस. अलर्ट आदि के लिए अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ता है। इसके साथ ही अलग-अलग बैंक खातों को मैंटेन करना भी मुश्किल होता है। 

बैंक चार्ज को लेकर क्या हैं आर.बी.आई. के दिशा-निर्देश
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) द्वारा बैंक चाॢजज को लेकर कोई खास दिशा-निर्देश नहीं जारी किए गए हैं बल्कि बैंकों के ऊपर ही इस बात को छोड़ा गया है कि वे जिस सेवा के लिए जितना चाहें उतना शुल्क वसूल सकते हैं मगर इतना अवश्य साफ किया गया है कि शुल्क तर्कसंगत होना चाहिए और उस सेवा को देने के लिए आने वाले खर्चे से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही बैंकों को यह भी कहा गया है कि जिन खाताधारकों के खातों में अधिक लेन-देन नहीं है उनको चार्ज फिक्स करते समय किसी प्रकार का दंड न दिया जाए। 

क्या है खाता बंद करवाने का प्रोसैस
वैसे हर बैंक के खाता बंद करने को लेकर अपने-अपने नियम हैं मगर एक आम प्रोसैस जो लगभग हर बैंक में अपनाया जाता है वह इस प्रकार है:
-खाते में पड़ी सारी राशि को सबसे पहले निकाला जाना अनिवार्य।
-अपनी निकटतम बैंक शाखा में जाकर खाता बंद करवाने का आवेदन फार्म लेकर उसे भरा जाए। अगर बैंक में पड़ी रकम को दूसरे खाते में ट्रांसफर करवाना है तो उसकी औपचारिकताएं भी पूरी की जाएं।
-इसके साथ ही बैंक का डैबिट कार्ड, चैक बुक आदि को बैंक के पास जमा करवाना होगा ताकि खाते को सही ढंग से बंद किया जा सके।

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