वारंटी पीरियड में वसूला चार्ज, अब कंपनी देगी मुआवजा

Tuesday, Feb 06, 2018 - 11:24 AM (IST)

बेंगलुरू : वारंटी पीरियड के अंदर रहते हुए फोन रिपेयरिंग के लिए चार्ज लेने पर फोन निर्माता कम्पनी शाओमी को यहां की सिटी कंज्यूमर कोर्ट ने एक ग्राहक को मुआवजा देने के लिए कहा है। कोर्ट ने कम्पनी और सर्विस सैंटर को फोन की कीमत और मुकद्दमे पर आया खर्च 10,999 रुपए देने का आदेश दिया है।

क्या है मामला
एच.एस.आर. लेआऊट में रहने वाले मधुसूदन ने 24 मार्च, 2015 को ई-कॉमर्स वैबसाइट फ्लिपकार्ट पर 6999 रुपए की कीमत का शाओमी रैडमी 2 हैंडसैट लिया था। 8 अक्तूबर को उनके फोन का डिस्प्ले खराब हो गया। उनके फोन पर कॉल्स रिसीव हो रही थी और फोन वाइब्रेट भी कर रहा था। वह फोन कोरमंगला के टी.वी.एस. इलैक्ट्रॉनिक्स ले गए जो एक अधिकृत सॢवस सैंटर था। वहां उन्हें कहा गया कि 2550 रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने स्क्रीन बदलने के लिए कह दिया।

2 दिन बाद उन्हें सर्विस सैंटर से फोन आया कि मदर बोर्ड भी खराब है और उन्हें नया फोन लेना चाहिए जो रिपेयरिंग की कीमत का ही मिल जाएगा। मधुसूदन ने वारंटी के हिसाब से फोन ठीक करने या पूरी कीमत वापस करने के लिए कहा। जब उन्हें कम्पनी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने जिला कंज्यूमर विवाद निवारण फोरम में शिकायत की।

यह कहा फोरम ने
2 साल तक चले केस में कम्पनी ने कहा कि फोन में आई खराबी वारंटी के तहत नहीं आती। हालांकि, फोरम ने पाया कि फोन एक साल के वारंटी पीरियड में जो रिपेयरिंग चार्ज कम्पनी ने लिया वह गलत था। जज ने कहा कि वारंटी के हिसाब से फ्री रिपेयर या रिप्लेसमैंट दिया जाना चाहिए। ऐसे में नया फोन लेने के लिए कहना कम्पनी पर सवाल उठाता है। आखिरकार फोरम ने शाओमी टैक्नॉलोजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और टी.वी.एस. इलैक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से मधुसूदन को 10,999 रुपए देने के लिए कहा है। 

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