बदल गई लैंड पूलिंग पॉलिसी, दिल्ली को जल्द मिलेंगे 25 लाख मकान

Sunday, Oct 15, 2017 - 11:11 AM (IST)

नई दिल्ली: लैंड पूलिंग से जुड़ा नया फैसला गुरुवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी के बीच हुई बैठक में लिया गया। बैठक में सचिव दुर्गा शंकर मिश्र भी मौजूद थे। मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक इस बैठक में तय किया गया कि डी.डी.ए. की भूमिका सुविधा उपलब्ध कराने वाली होनी चाहिए, इसलिए जमीन के टाइटल की ट्रांसफर प्रक्रिया को कम करके इस पॉलिसी को लागू होने में लगने वाले वक्त को कम किया जा सकता है। अब जिस जमीन को डिवैल्प करना होगा, उसे डी.डी.ए. के नाम ट्रांसफर कराने की जरूरत नहीं होगी।

डी.डी.ए. उस जमीन पर सुविधाएं विकसित करने के अलावा प्लाङ्क्षनग भी करेगा ताकि वहां बनने वाले मकान तय मानकों और तय नियमों के मुताबिक बनें। इन सुविधाओं में पार्क से लेकर वे सभी सुविधाएं शामिल होंगी जो किसी भी रिहायशी एरिया में होनी चाहिएं। इन सुविधाओं यानी सड़कें , पार्क, कम्युनिटी सैंटर के बाद बचने वाली जमीन फिर से जमीन मालिक को दे दी जाएगी ताकि वह वहां मकानों का निर्माण करके उन्हें बेच सके। बैठक में लैंड पूङ्क्षलग पॉलिसी के लागू होने में हो रही देरी पर भी चिंता जताई गई। इसी पॉलिसी के लिए 89 गांवों को दिल्ली म्यूनिसिपल एक्ट के तहत शहरी क्षेत्र घोषित करने का कार्य लंबे वक्त से अटका हुआ था।

आवास मंत्री ने दिल्ली के उपराज्यपाल को इन गांवों को म्यूनिसिपल एक्ट के तहत नोटिफाई करने के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि इस अड़चन के दूर होने से अब इस पॉलिसी पर जल्द ही काम होगा। दिल्ली में लैंड पूङ्क्षलग पॉलिसी को लेकर लिए गए नए फैसले के बाद अब इस काम में तेजी आएगी। इस पॉलिसी के तहत जिन किसानों या डिवैल्पर की जमीन होगी, वह उनके नाम ही रहेगी, डी.डी.ए. को ट्रांसफर नहीं करना पड़ेगा। इस फैसले से दिल्ली में अपने घर का सपना संजोए लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि अब प्रक्रिया आसान होने से काम तेजी से किया जा सकेगा। 

 

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