ICICI बैंक की सीईओ ने लिखा अपनी बेटी को खत

Thursday, Apr 14, 2016 - 01:02 PM (IST)

नई दिल्ली: ICICI बैंक की सीईओ चंदा कोचर का नाम आज शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल हैं। मैनेजमेंट ट्रेनी की छोटी सी पोस्ट से बैंक के उच्चतम पद तक पहुंचने वाली चंदा की सफलता महिला सशक्तिकरण का एक आदर्श उदाहरण है। आज चंदा कई महिलाओं की प्रेरणा हैं। उनके जज्बे और मेहनत से उन्हें आगे बढ़ने की सीख मिलती है। चंदा कोचर भले ही आज ऊंची पोस्ट पर हो लेकिन घर में वे एक मां ही हैं और जिन्होंने अपने काम और परिवार के बीच एक संतुलन बनाकर रखा हुआ है।

बेटी के सवाल पर कि कैसे वे दोनों कार्यक्षेत्रों को बाखूबी निभा लेती हैं पर चंदा कोचर ने अपनी बेटी के नाम एक खत लिखा है जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी के अनुभवों को शेयर किया कि किस तरह अपने माता-पिता के बनाए अनुशासन पर ही उन्होंने अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाया है। चंदा कोचर का यह पत्र सुधा मेनन द्वारा संकलित किताब ''अपनी बेटियों के लिए प्रख्यात माता-पिता से विरासत पत्र'' में छपा है।


इसमें चंदा कोचर ने अपनी बेटी आरती को संबोधित करते हुए लिखा है कि प्रिय आरती आज मुझे तुम्हें अपने से आगे जाते देख बहुत गर्व महसूस हो रहा है। तुम दिन पर दिन आगे बढ़ती जा रही हो। तुम्हारी कामयाबी ने मुझे अपने दिन याद दिला दिए। जीवन के जिस दौर से तुम गुजर रही हो उसी दौर में मैने भी बहुत कुछ सीखा है। मुझे पता है बच्चे अपने माता-पिता को देख कर ही सीखते हैं और मुझे गर्व है कि जो मैंने अपने परिवार से पाया वो सब काबिलियत तुम में भी है।

तुम्हारे नाना-नामी ने हम दोनों बहनों और भाई को एक जैसी परवरिश और संस्कार दिए हैं। एक जैसी सोच के साथ हमारा पालन हुआ है। मैं बस 13 साल की थी जब तुम्हारे नाना की मौत हो गई थी और उनके बिना हम जीने की कल्पना तक नहीं कर सकते थे। तब हमारे सामने घर चलाने की सबसे बड़ी चुनौती थी और तुम्हारी नानी ने हम तीनों को संभाला और हिम्मत से हमारा पालन-पोषण किया क्योंकि सारी जिम्मेदारियां उनके कंधों पर आ गई थी। तुम्हारी नानी ने सारी जिम्मेदारियां बाखूबी निभाई और आज उन्हीं की बदौलत हम आज ये मुकाम हासिल कर पाए। माता-पिता की सबसे बड़ी ड्यूटी अपने बच्चों की देखभाल होती है जो कि फुल टाइम जॉब की तरह है।

मुझे वो दिन याद है जब तुम यू.एस में पढ़ रही थी और मुझे ICICI बैंक का सीईओ बनाया गया था कुछ दिनों बाद तुम्हारा मेल आया जिसमें तुमने लिखा था कि आपने हमें कभी महसूस नहीं होने दिया कि आप एक सफल महिला हो और कैसे एक तनावपूर्ष करियर के बाद भी हमें संभाला। घर पर आप सिर्फ और सिर्फ एक मां थीं।

चंदा कोचर ने खत के आखिर में लिखा-आरती जिंदगी में कुछ हासिल करने की इच्छा दिल और दिमाग में हमेशा रहनी चाहिए लेकिन इन सबके बीच एक बात जरूरी है कि आप जो भी कर रहे हो उसके लिए ईमानदार रहो। कभी अपने सपनों को खत्म मत होने दो बल्कि उनको पूरा करो। वहीं अपने ईर्द-गिर्द को लोगों की भावनाओं का ध्यान भी जरूर रखना चाहिए। एक आखिरी बात कि जब तुम तनाव में हो तो और ये आफको आगे नहीं बढ़ने दे रहा तो यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि अच्छे और बुरे दोनों दिन आपके जिंदगी का हिस्सा होते हैं, उसे एक बराबर रखो।

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