ऊंची आर्थिक वृद्धि दर लंबे समय तक बनाए रखना चुनौती: अमिताभ कांत

Wednesday, Nov 08, 2017 - 03:09 PM (IST)

नई दिल्लीः नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अमिताभ कांत ने आज कहा कि देश के सामने बड़ी चुनौती 7.5 प्रतिशत से ऊंची वृद्धि दर को लंबे समय तक कायम रखना है और यह काम विनिर्माण क्षेत्र के योगदान के बिना संभव नहीं होगा। आर्थिक मोर्चे पर भारत के समक्ष चुनौतियों का जिक्र करते हुए अमिताभ कांत ने कहा,‘एक चुनौती तो 7.5 प्रतिशत से अधिक की ऊंची वृद्धि दर को लंबे समय तक संभवत तीन दशक तक बनाए रखना है। यह विनिर्माण के बिना संभव नहीं होगा’ जिसमें एप्लायसेंज व इलेक्ट्रोनिक्स विनिर्माण कार्य का विस्तार भी शामिल है।’ वे यहां कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स एंड एप्लायंसेज मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (सिएमा) के सालाना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने ऊंची वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए उचित परिवेश की जरूरत पर भी जोर दिया और उद्योग जगत से अपील की कि वह ‘बड़े पैमाने’ की सोच रखते हुए वैश्विक बाजारों पर ध्यान दे। उन्होंने कहा भारतीय के रूप में हम में वैश्विक पैमाने और परिमाण की भूख तथा महत्वाकांक्षा होनी चाहिए। इसे केवल घरेलू बाजार की सोच रखते हुए हासिल नहीं किया जा सकता बल्कि इसके लिए हमें वैश्विक बाजारों या कि निर्यात को ध्यान में रखना होगा। इस अवसर पर देश में कारोबार को सुगम बनाने के लिए मौजूदा सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा- हमें यह स्वीकार करना होगा कि हमने भारत को कारोबार करने के लिहाज से बहुत जटिल जगह बना दिया था लेकिन मौजूदा सरकार ने इस बारे में बाधाओं को समाप्त करने के उद्देश्य से नियमों व प्रक्रिया को सरल बनाया है। बड़ी संख्या में अनावश्यक नियमों को समाप्त किया है।

देश में नियम प्रक्रिया को और सरल बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘कोई फार्म एक पन्ने से ज्यादा नहीं होना चाहिए, कोई नियम दो पन्नों से ज्यादा नहीं होना चाहिए और कोई कानून तीन पन्ने से लंबा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनमें जितने ज्यादा पन्ने जुड़ेंगे लोगों की परेशानी और वाद विवाद बढ़ेंगे।’ अमिताभ कांत ने उम्मीद जताई कि विश्व बैंक भारत सरकार की कई पहलों पर आगे विचार करेगा जिससे आने वाले वर्षों में कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की स्थित और व तेजी से सुधरेगी। इस अवसर पर सिएमा के सालाना ‘चैंपियंस आफ चेंज अवार्ड’ भी प्रदान किए गए। 

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