भारत की एक्सपोर्ट सबसिडी स्कीम को WTO में चुनौती

Friday, Mar 16, 2018 - 09:37 AM (IST)

वाशिंगटनः अमरीका ने भारत की एक्सपोर्ट सबसिडी स्कीम को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) में यह कहते हुए चुनौती दी है कि ऐसी नीतियां अमरीकी कार्मिकों के खिलाफ हैं। यू.एस. ट्रेड रिप्रैजैंटेटिव (यू.एस.टी.आर.) ने कहा कि भारत के कई प्रोग्राम भारतीय निर्यातकों को ऐसी सहूलियत देते हैं कि वे अमरीका में अपना सामान सस्ते दामों पर बेच सकते हैं।

यू.एस.टी.आर. के मुताबिक स्पैशल इकोनॉमिक जोन, इलैक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टैक्नोलॉजी पार्क और एक्सपोर्टर प्रोमोशन कैपिटल गुड्स स्कीम सहित ऐसे आधा दर्जन प्रोग्राम इसमें शामिल हैं। ट्रेड रिप्रैजैंटेटिव रॉबर्ट लाइटहाइजर ने कहा कि यू.एस.टी.आर. अपने व्यापारिक सहयोगियों के साथ अमरीका के व्यापारिक हितों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए वह विश्व व्यापार संगठन सहित अन्य मंचों पर निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापार को बढ़ावा देगा। लाइटहाइजर की तरफ  से यह बयान उस समय आया है जब भारत के विदेश सचिव विजय गोखले अपनी पहली अमरीकी यात्रा पर वहां पहुंचे हैं। उनका यू.एस.टी.आर. के साथ मिलने का कार्यक्रम भी पूर्व निर्धारित है।

वहीं अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चीन में बने उत्पादों के आयात के खिलाफ और कार्रवाई कर सकते हैं क्योंकि वह मानते हैं कि अमरीकी कारोबारियों को विदेशी प्रतिस्पॢधयों ने अब तक ‘ठगा’ है। अमरीका का चीन के साथ व्यापार घाटा करीब 500 अरब डॉलर के बराबर है। व्हाइट हाऊस के उप-प्रैस सचिव राज शाह ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति का दृढ़ विश्वास है कि अतीत में विदेशी व्यापार प्रतिद्वंद्वियों और सहयोगियों ने अमरीकी कामगारों और अमरीकी व्यापारियों को ठगा है और वे चाहते हैं कि सभी को बराबर का अवसर मिले।’’

भारत-अमरीका आपसी विचार-विमर्श से सुलझाएंगे मुद्दे को 
यू.एस.टी.आर. ने अपने वक्तव्य में कहा है कि विश्व व्यापार संगठन के नियमों के मुताबिक भारत और अमरीका पहले आपसी विचार-विमर्श से इस मुद्दे को सुलझाएंगे लेकिन अगर ऐसा करने में दोनों देश असफल रहते हैं तो यू.एस.टी.आर. विश्व व्यापार संगठन के डिस्प्यूट सैटलमैंट पैनल से इस मामले की समीक्षा किए जाने का अनुरोध कर सकता है।

भारत की नीतियों से भारतीय निर्यातकों को मिलता है लाभ 
यू.एस.टी.आर. ने आरोप लगाया है कि भारत की नीतियां कुछ खास टैक्स और फी को माफ  कर देती हैं जिससे भारतीय निर्यातकों को लाभ मिलता है। इन नीतियों से स्टील, दवाइयां, कैमिकल इन्फॉर्मेशन टैक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स, टैक्सटाइल आदि निर्यातकों को लाभ मिलता है। भारत सरकार के दस्तावेजों के मुताबिक हर साल इन नीतियों से भारतीय निर्यातकों को 7 अरब डॉलर का लाभ होता है। यू.एस.टी.आर. के मुताबिक ऐसी सबसिडी स्कीम्स बाजार प्रतियोगिता में लाभार्थियों को अनुचित लाभ पहुंचा रही हैं। यू.एस.टी.आर. का यह भी आरोप है कि भारत ने इन सबसिडीज को हटाने की बजाय इन प्रोग्राम्स को और ज्यादा बढ़ावा दिया है।

सैक्टर स्पैसिफिक स्कीम्स के कारण एक्सपोर्ट बढ़ा
यू.एस.टी.आर. का आरोप है कि भारत ने 2015 के मर्चैंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम शुरू की थी जिसमें 8,000 से ज्यादा सामानों को शामिल किया गया है जिनकी संख्या इसके शुरू होने के समय इसकी आधी थी। इसी तरह वर्ष 2000 से 2017 के बीच स्पैशल इकनॉमिक जोन से होने वाला एक्सपोर्ट 6,000 प्रतिशत बढ़ गया है। वर्ष 2016 में भारत से होने वाला 30 प्रतिशत एक्सपोर्ट स्पैशल इकनॉमिक जोन्स से हो रहा है जिसकी कीमत लगभग 82 अरब डॉलर है। यू.एस.टी.आर. ने यह भी कहा है कि इलैक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टैक्नोलॉजी स्कीम जैसी सैक्टर स्पैसिफिक स्कीम्स के कारण वर्ष 2000 से 2016 के बीच एक्सपोर्ट में 160 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

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