लिस्टेड कंपनियों के CEO की सैलरी आम इम्प्लाइज से 237 गुना ज्यादा

Saturday, Feb 25, 2017 - 03:32 PM (IST)

नई दिल्ली: इंफोसिस विवाद के चलते एग्जीक्यूटिव्स की सैलरी का मुद्दा सुर्खियों में आ गया है। कंपनी के बोर्ड को सी.ई.ओ. सिक्का की सैलरी को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा। अब सवाल यह उठता है कि अपनी कंपनी के पे-स्केल के मुकाबले देश के सी.ई.ओ. कितनी अधिक सैलरी पाते हैं? निफ्टी सूचकांक में शामिल 50 कंपनियों के सी.ई.ओ. की औसत सैलरी 13 करोड़ रुपए है जो आम इम्प्लाइज की ऐवरेज सैलरी का 237 गुना है। जहां दूसरे इम्प्लाइज की सैलरी में सालाना 7.5 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई, वहीं सी.ई.ओ. की सैलरी 49 प्रतिशत बढ़ी।

यह जानकारी पे रेशो डाटा से मिली है जिसकी जानकारी प्राइवेट कंपनियों को देनी पड़ती है। आम इम्प्लाइज की तुलना में अधिक सैलरी पाने वालों की लिस्ट में सबसे ऊपर सिक्का हैं। उन्हें 48.7 करोड़ का पैकेज मिला जो कंपनी के आम इम्प्लाइज के मुकाबले 935 गुना ज्यादा है। उनके कम्पैन्सेशन में पिछले साल के मुकाबले 752 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई लेकिन इसकी वजह यह थी कि उन्हें 2 साल की वेरिएबल पे एक साथ मिली है। टॉप-10 में 4 लिस्टेड कंपनियों की पे रेशो आई.टी. सैक्टर में अधिक है।

निफ्टी की कंपनियों में सबसे अधिक सैलरी हीरो मोटोकॉर्प के पवन मुंजाल को 57.4 करोड़ रुपए मिली, जो इम्प्लाइज की तुलना में 755 गुना ज्यादा है। इस बारे में एग्जीक्यूटिव्स सर्च फर्म रैंडस्टैड इंडिया के सी.ई.ओ. मूर्ति उप्पलुरी ने कहा कि सैलरी मार्कीट कंडीशंस से तय होती है। सी.ई.ओ. रिस्क लेता है इसलिए कंपनियां उसे अधिक सैलरी देती हैं। लोअर मैनेजमैंट के इम्प्लाइज के साथ ऐसी बात नहीं है। टॉप मैनेजमैंट की सैलरी कंपनी के मुनाफे, टिकाऊ ग्रोथ और संस्थान की स्थिरता से जुड़ी होती है।

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