12 सरकारी बैंकों को केन्द्र सरकार देगी 48,239 करोड़ रुपए

Thursday, Feb 21, 2019 - 10:44 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः केन्द्र सरकार ने पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) सहित 12 सरकारी बैंकों में 48,239 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की मंजूरी दे दी है। इलाहाबाद बैंक में 6,896 करोड़ रुपए, यूनियन बैंक में 4,112 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया में 4,638 करोड़, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 205 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया में 4,638 करोड़ और कॉर्पोरेशन बैंक में 9,086 करोड़ रुपए डाले जाएंगे।

वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार आंध्रा बैंक में 3,256 करोड़, सिंडीकेट बैंक में 1,603 करोड़, पंजाब नैशनल बैंक में 5,098 करोड़ तथा सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 2,560 करोड़ रुपए डालेगी। वहीं यूनाइटेड बैंक में 2,839 करोड़ और यूको बैंक में 3,330 करोड़ रुपए डाले जाएंगे। इससे पहले दिन में निफ्टी पी.एस.यू. बैंक इंडैक्स 1.72 प्रतिशत उछलकर 2,742.65 पर बंद हुआ। पंजाब नैशनल बैंक और यूनियन बैंक के शेयर क्रमश: 1.79 और 1.68 प्रतिशत की तेजी के साथ 71.20 रुपए और 69.65 रुपए पर बंद हुए। केन्द्र सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक में 3,806 करोड़ रुपए डालेगी।

आर.बी.आई. के पी.सी.ए. नियमों के दायरे से बाहर आएंगे 3 बैंक!
इलाहाबाद बैंक, सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और देना बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) के प्रॉम्प्ट करैक्टिव एक्शन (पी.सी.ए.) के दायरे से बाहर आ सकते हैं। सरकार इन बैंकों से कह रही है कि वे नई हासिल होने वाली पूंजी से अपने नॉन-परफॉॄमग एसैट्स (एन.पी.ए.) को एडजस्ट करें। साथ ही इनसॉल्वैंसी रैजोलूशन मैकेनिज्म के जरिए बेहतर रिकवरी की उम्मीद भी बढ़ी है। एक सरकारी बैंक के चीफ एग्जीक्यूटिव ने बताया कि सरकार पी.सी.ए. के तहत रखे गए बैंकों को नई पूंजी को बैड लोन से एडजस्ट करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। फ्रैश इक्विटी का उपयोग मुख्य तौर पर नैट एन.पी.ए. रेशो को 6 प्रतिशत से नीचे लाने में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कम से कम 3-4 बैंक मार्च तक इस सख्त रूल के दायरे से बाहर आ सकते हैं हालांकि उनका ग्रॉस एन.पी.ए. 16-17 प्रतिशत से ज्यादा है।

‘बैंक साइबर हमलों के लिहाज से सबसे संवेदनशील’
सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि बैंकिंग प्रणाली को साइबर सुरक्षा से जुड़े खतरों एवं चुनौतियों व प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलावों से निपटने के लिए खुद को तैयार रखना होगा। अधिकारी ने बताया कि बैंकों के लिए जरूरी है कि वे अपने सॉफ्टवेयर को मजबूत बनाएं क्योंकि उन पर साइबर हमले की आशंका सर्वाधिक होती है। यह बात प्रधानमंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक गुलशन राय ने भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने 5जी नैटवर्क  की शुरूआत का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘5वीं पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के आने के साथ सभी तरह की प्रणालियों को उल्लेखनीय रूप से उन्नत बनाए जाने की जरूरत होगी।’’

Isha

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