डेढ़ लाख टन दालों का बनेगा भंडार

Wednesday, Jun 08, 2016 - 02:10 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि त्यौहारों के आगामी सीजन में दालों की कीमतों में बढ़ौतरी न हो, इसलिए 1.5 लाख टन दालों के भंडार का फैसला लिया गया है। इस भंडार के लिए करीब 38,500 टन दालों का आयात होगा। सरकार ने 38,500 टन दालों के आयात के अनुबंध किए हैं, जिसमें करीब 13,000 टन दालें पहले ही भारत में आ चुकी हैं और 6,000 टन जल्द ही भारतीय बंदरगाहों पर पहुंचने की संभावना है। आयात के अलावा केंद्रीय एजैंसियां घरेलू किसानों से पिछले खरीफ सीजन में 51,000 टन और रबी सीजन में 60,000 टन दालों की खरीद कर चुकी हैं। 

 

आवश्यक जिंसों की कीमतों की स्थिति की समीक्षा करते हुए सचिवों के एक अंतर-मंत्रालय समूह ने 2016-17 में खुला बाजार बिक्री योजना (ओ.एम.एस.एस.) के जरिए 65 लाख टन गेहूं बेचने के सरकार के फैसले पर भी विचार किया है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना के आग्रह पर उन्हें बफर स्टॉक से कुछ मात्रा में दालें आवंटित की गई है। बयान में कहा गया है कि तमिलनाडुु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना कथित रूप से उपभोक्ताओं के हित में और सब्सिडीयुक्त दरों पर दालें मुहैया करा रहे हैं। 

 

दिल्ली में केंद्रीय भंडार और सफल को अपनी दुकानों के जरिए बिक्री के लिए दालें आवंटित की गई हैं। ये एजैंसियां अभी तक 120 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर 635.31 क्विंटल अरहर और 245 क्विंटल उड़द की दालें बेच चुकी हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक है लेकिन उसकी घरेलू मांग उत्पादन से ज्यादा है। इस वजह से कमी की भरपाई आयात से की जाती है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत ने 55 लाख टन दालों का आयात किया था। हालांकि ज्यादातर आयात निजी कारोबारियों ने किया था। 

 

देश में फसल वर्ष (जुलाई-जून) 2015-16 में दालों का उत्पादन 170.6 लाख टन रहने का अनुमान है। खुदरा बाजारों में अरहर की दाल 165 रुपए प्रति किलोग्राम और उड़द की दाल 185 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रही हैं। इस समीक्षा को यह भी जानकारी दी गई है कि भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के पास करीब 3.2 करोड़ टन गेहूं का स्टॉक है, जबकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए करीब 2.4 करोड़ टन की जरूरत है। प्याज के मामले में अब तक नेफेड और एसएफएसी 15,635 टन की खरीद कर चुकी हैं। 

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