प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: केंद्र ने दी राज्यों को अपनी बीमा कंपनी बनाने की अनुमति

Tuesday, Apr 03, 2018 - 11:20 AM (IST)

नई दिल्ली: केन्द्र ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पी.एम.एफ.बी.वाई.) को लागू करने के लिए राज्यों को अपनी बीमा कम्पनियां स्थापित करने की अनुमति दे दी है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। 

यह कदम कई राज्यों के अनुरोध के साथ-साथ नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सी.ए.जी.) द्वारा 2017 की रिपोर्ट में की गई टिप्पणियों के बाद उठाया गया है। रिपोर्ट में टिप्पणी की गई थी कि पुरानी फसल बीमा योजनाएं जो अब पी.एम.एफ.बी.वाई. के साथ विलय की गई हैं, 2011-2016 के दौरान खराब तरीके से इम्प्लीमैंट की गईं। 

ये 5 पब्लिक सैक्टर कम्पनियां करती हैं बीमा 
वर्तमान में 5 पब्लिक सैक्टर की बीमा कम्पनियां और 13 प्राइवेट सैक्टर की बीमा कम्पनियां इस योजना के लिए लिस्टेड हैं। पब्लिक सैक्टर की बीमा कम्पनियों में भारतीय कृषि बीमा कम्पनी (ए.आई.सी.), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी (यू.आई.सी.सी.), नैशनल इंश्योरैंस कम्पनी (एन.आई.सी.), ओरिएंटल इंश्योरैंस कम्पनी (ओ.आई.सी.) और न्यू इंडिया एश्योरैंस कम्पनी (एन.आई.ए.सी.) शामिल हैं। 

बेहद कम है प्रीमियम 
अप्रैल 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बुआई से पहले और फसल कटने के बाद तक व्यापक बीमा किया जाता है जो नैचुरल रिस्क के लिए खरीफ  फसलों के 2 प्रतिशत, रबी फसलों के 1.5 प्रतिशत और बागवानी तथा वाणिज्यिक फसलों पर 5 प्रतिशत प्रीमियम रेट से किया जाता है। शेष प्रीमियम का भुगतान केन्द्र और राज्य द्वारा समान रूप से किया जाता है। मौसम के अंत में मूल्यांकन किए गए उपज नुक्सान के आधार पर दावे का निपटान किया जाता है।

4.79 करोड़ किसानों का बीमा 
2017-18 फसल वर्ष (जुलाई-जून) दौरान 4.79 करोड़ किसानों को पी.एम.एफ.बी.वाई. के तहत कवर किया गया है और सरकार दावों का आकलन करने की प्रक्रिया में है।

Pardeep

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