परिवार करता था कॉफी की खेती, CCD के सिद्धार्थ ने खड़ी कर दी 4000 करोड़ की कंपनी
Tuesday, Jul 30, 2019 - 11:24 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा के दामाद और कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के मालिक वीजी सिद्धार्थ का अबतक पता नहीं चल सका है। सोमवार शाम वह अपनी इनोवा कार से मेंगलुरु की ओर निकले थे और उल्लाल पुल पर रुकें। उसके बाद से ही उनकी कोई खबर नहीं है। सिद्धार्थ की गाड़ी नेत्रावती नदी का पुल पार कर रही थी तब उन्होंने अपने ड्राइवर से गाड़ी रोकने के लिए कहा और कार से उतर कर कुछ देर में वापस आने की बात कही। कुछ समय बाद भी जब वह वापस नहीं आए तो ड्राइवर ने उनका फोन ट्राई किया, लेकिन वह स्विच ऑफ आ रहा था। इस हाई प्रोफाइल मामले को देखते हुए पूरा पुलिस महकमा उनकी तलाश में जुट गया है। उनकी खोज के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
1996 में की थी कंपनी की शुरुआत
देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन सीसीडी की शुरुआत 23 साल पहले जुलाई 1996 में बेंगलूरू की ब्रिगेड रोड से हुई। शुरुआत में कॉफी शॉप को इंटरनेट कैफे के साथ खोला गया। उन दिनों युवाओं को इंटरनेट के साथ कॉफी का मजा खूब भाया। धीरे-धीरे यह कॉन्सेप्ट इतना मशहूर हआ कि सीसीडी ने अपने मूल व्यवसाय कॉफी के साथ अपने बिजनेस को आगे बढ़ाया। आज देश ही नहीं विदेश में भी सीसीडी कैफे हैं। देश के 247 शहरों में सीसीडी के 1,758 कैफे हैं।
पिता ने दिए थे 5 लाख रुपए
सीसीडी के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ के परिवार के पास कॉफी के बागान थे। उनके बागानों में महंगी कॉफी उगाई जाती थी। यहां से ही उन्हें सीसीडी का आइडिया आया। 90 के दशक में जो कॉफी दक्षिण भारत और पांच सितारा होटल्स में चलन में थी, उसे उन्होंने आम लोगों तक पहुंचाने का मन बनाया। परिवार में कॉफी के प्रति गहरी समझ के कारण ही उन्होंने सीसीडी की शुरुआत की। सिद्धार्थ के पिता ने शुरुआत में उन्हें बिजनेस के लिए 5 लाख रुपए दिए। साथ ही उन्होंने बेटे सिद्धार्थ से यह भी कहा यदि वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए तो उन्हें अपने फैमिली बिजनेस में वापस लौटना होगा। लेकिन सिद्धार्थ के जुनून और बिजनेस में गहरी समझ के कारण आज सीसीडी 4000 करोड़ से भी ज्यादा नेटवर्थ वाली कंपनी बन गई है।